Jammu: भू-माफिया रिंग रोड के दोनों ओर पहाड़ों को जमींदोज कर बस्तियां बनाने में लगा
बीते कुछ माह पहले खनन विभाग ने अवैध माइनिंग करने पर 6 जेसीबी मशीनें जब्त कर आरोपितों के खिलाफ सवा लाख के करीब जुर्माना भी किया लेकिन जुर्मानें की राशि भरने के बाद भू माफिया फिर से गोरखधंधे में लग गया।
जम्मू, अवधेश चौहान: शहर के बाहरी क्षेत्र कोट भलवाल से गुजरने वाली रिंग रोड के दोनाे तरफ हरेभरे पहाड़ों को जमींदोज कर बस्तियां बसाने का का गोरखधंधा जोरो से चल रहा है।राजस्व विभाग की इस सामुदायिक भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे का काम कोरोना काल में दिन रात चल रहा है।
सैकड़ों कनाल पहाड़ियों पर बुलडोजर और जेसीबी मशीनें इन्हें समतल कर प्लाट काटने में लगी हुई है। इतने पर भी इस सब के बीच राजस्व, जंगलात,माइनिंग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कोरोना काल में इतने व्यस्त हो गए है कि कोई कार्रवाई करना मुनासिब नही समझ रहे या फिर जानबूझ कर आंखें मूंदे बैठे है।भूमाफिया से जुड़े लोगों में राजस्व विभाग का एक पटवारी शामिल है, जो इन दिनों जम्मू के डिप्टी कमिशनर कार्यालय में भ्रष्टाचार के आरोपों की चल रही जांच के कारण अटैच है।एंटी करप्शन ब्यूरों में उसके खिलाफ बीते जनवरी माह में 200 कनाल राजस्व की भूमि काे हड़पने का मुकदमा दर्ज किया है।पटवारी जावेद अहमद पर पहले से ही सामुदायिक जमीन को कब्जाने का आरोप है।
अब निडर होकर यह अधिकारी राजस्व,जंगलात और माइनिंग विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर कोटभलवाल से गुजरने वाली रिंग रोड के आसपास कब्जाए गए पहाड़ों को समतल कर वहां प्लाट बनाने में लगा हुआ है। इसमें प्रशासन के अधिकारियों के अलावा पुलिस के आला अधिकारी भी आंखे मूंदे बैठे है।पटवारी एक तीर से दो निशाने लगा रहा है,पहाड़ों से खोदी गई मिट्टी, पत्थर रिंग बनाने में लगे ठेकेदारों को धड़ल्ले से बेची जा रही है।
बीते कुछ माह पहले खनन विभाग ने अवैध माइनिंग करने पर 6 जेसीबी मशीनें जब्त कर आरोपितों के खिलाफ सवा लाख के करीब जुर्माना भी किया, लेकिन जुर्मानें की राशि भरने के बाद भू माफिया फिर से गोरखधंधे में लग गया।रिंग रोड के आसपास जमीन की कीमत आसमान छू रही है।एक मरला जमीन की कीमत 3 लााख रुपये है। यानि कि एक कनाल जमीन की कीमत 60 लाख रुपये है। अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। पहाड़ों पर उगे शीशम, कीकर, दरें आदि के कई प्रजातियों के पेड़ों को साजिश के तहत काटा जा रहा है।
भ्रष्टाचार में लिप्त पटवारी को असिस्टेंट कमिशनर कार्यालय में अटैच करना कितना उचित
भ्रष्टाचार में लिप्त एक पटवारी के खिलाफ उसे सोने की खान पर बैठा देना कहां तक उचित है? एसीबी के पास उसके दोषी होने के पर्याप्त सबूत हैं, फिर भी उसे असिस्टेंट कमिशनर नजूल के कार्यालय में अटैच करने की ऐसी कौन सी जरूरत है। एंटी करप्शन ब्यूरों के अनुसार जावेद अहमद ने कंगर इलाके में 200 कनाल से अधिक सरकारी जमींन पर कब्जा कर इसे अपने माता पिता और पत्नी के नाम कर ली है।जावेद के घर पर जनवरी माह में छापे के दौरान ब्यूरों ने परिवार के नाम बैंक पास बुक और करोड़ों की चल अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए है।इस बारे जम्मू के डिप्टी कमिशनर अंशुल गर्ग से सम्पर्क नही हो सका।
डिव कॉम का कहना कि मामले की होगी जांच
वहीं जम्मू संभाग के डिवीजनल कमिशनर राघव लंगर का कहना है कि मामले की जांच करवाई जाएगी।अगर ऐसा हो रहा है, तो यह गलत है।डिस्ट्रिक्ट माइनिंग ऑफिसर अंकुर शर्मा ने भी यकीन दिलाया कि अगर अवैध माइनिंग हो रही है, तो इस पर अवश्य कार्रवाई होगी।उन्होंने कहा कि इससे पहले भी विभाग ने कार्रवाई कर आरोपितों को जुर्माना किया था।