Union Territory Ladakh: लद्दाख की महिलाओं ने 165 गांवों को किया शराब मुक्त, अब प्रदेश में शराबबंदी के लिए आगे आंई

इन महिलाओं ने इसकी शुरूआत कुछ वर्ष पहले लद्दाख के छोटे-छोटे गांवों से की थी। उन्होंने गांव में होने वाले धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों में लोगों से शराब न परोसने की अपील की।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 02:15 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 02:15 PM (IST)
Union Territory Ladakh: लद्दाख की महिलाओं ने 165 गांवों को किया शराब मुक्त, अब प्रदेश में शराबबंदी के लिए आगे आंई
Union Territory Ladakh: लद्दाख की महिलाओं ने 165 गांवों को किया शराब मुक्त, अब प्रदेश में शराबबंदी के लिए आगे आंई

श्रीनगर, जेएनएन।केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के 165 गांवों में शराब पर रोक लगाने वाली महिलाओं ने अब पूरे प्रदेश में प्रतिबंध लगाने की मुहिम छेड़ दी है। इसकी शुरूआत उन्होंने उपराज्यपाल आरके माथुर को एक ज्ञापन सौंप कर की। महिलाओं ने इसमें यह संदेश दिया है कि वे प्रतिबंध लागू करवाने के लिए प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगी।

इन महिलाओं ने इसकी शुरूआत कुछ वर्ष पहले लद्दाख के छोटे-छोटे गांवों से की थी। उन्होंने गांव में होने वाले धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों में लोगों से शराब न परोसने की अपील की। यह ऐसे गांव हैं, जहां पर इन महिलाओं का आज काफी दबदबा है और कोई भी नीति बनाने में इनकी राय ली जाती है। इन महिलाओं ने अपने इरादे उसी वक्त जाहिर कर दिए थे, जब उन्होंने लोगों को ये चेतावनी दी थी कि वे अपने गांव में किसी को भी शराब नहीं पीने देंगी और यहां के युवाओं व महिलाओं के भविष्य को दाव पर नहीं लगने देंगी। इसके लिए उन्होंने करीब 165 गांवों में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को शराब के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक भी किया। महिलाओं की प्रतिबद्धता और इरादे सफल होते भी दिखे। जल्दी ही इन गांवों के लोगों ने समारोहों में शराब परोसना बंद कर दिया।

अब इसी अभियान को ये महिलाएं पूरे केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में चलाना चाहती हैं। इस इरादे को प्रशासन के समक्ष उजागर करते हुए लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन की महिला इकाई की अध्यक्ष रिंचिन अंगमो ने ज्ञापन के माध्यम से उपराज्यपाल से कहा गया है कि यहां पहले से जारी शराब लाइसेंस को चरणबद्ध तरीके से रद किया जाए। लद्दाख को शराब मुक्त केंद्र शासित राज्य घोषित किया जाए। हमें उम्मीद है कि आप हमारे अनुरोध को स्वीकार करेंगे।

लगातार खुली शराब की दुकानों के कारण यहां पर नशे की समस्या तेजी से बढ़ी है। इस कारण लद्दाखी समाज में शारीरिक और मानसिक रोग भी तेजी से बढ़े हैं। अब जबकि लद्दाख में नया प्रशासन आया है, इस कारण यहां के लोगों को काफी उम्मीद बंधी हैं। शराब की वजह से कई परिवार, समाज और क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।यहां की महिलाओं को उम्मीद है कि प्रशासन इस केंद्र शासित प्रदेश में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देगा।

उन्होंने कहा कि लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन अन्य सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर यहां की सामाजिक, आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए काम कर रहा है। लेकिन यहां के लोगों विशेषकर युवाओं में शराब के सेवन के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। युवाओं का भविष्य दाव पर लग रहा है और कई परिवार तबाह हो चुके हैं। यह एक सामाजिक समस्या है और इसका समाधान अति शीघ्र होना चाहिए। बुद्धिस्ट एसोसिएशन ने लगातार लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया है। इससे हालांकि कुछ फर्क तो पड़ा है लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है।

हमने पूर्व में प्रस्ताव पारित कर स्टेट एक्साइज और टैक्सेशन विभाग से भी अनुरोध किया था कि वह भविष्य में लेह में किसी को भी शराब व बार का लाइसेंस जारी न करें लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी। लद्दाख में यह इस समय की सबसे बड़ी समस्या है। इसके कारण घरेलू हिंसा, यौनशोषण, लूटपाट, हत्या, पारिवारिक झगड़े, विवाह बंधन टूटने सहित कई समस्याएं हो रही हैं। यही नहीं शराब के कारण कई लोगों की समय से पहले लीवर खराब होने, किडनी के काम न करने तथा हृदयघात के कारण मौतें हो रही हैं। शराब के कारण सबसे अधिक प्रभावित यहां की महिलाएं हैं।

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