राज्य की मांग के बदले लद्दाख को मिलेगा रोजगार का तोहफा, केंद्र 12 हजार रिक्त पद भरने के लिए ले सकता है अहम फैसला

इस समय लद्दाख में 13 दिसंबर के बंद को कामयाब बनाने के लिए लद्दाख एपेक्स बाडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस की तैयारियां चल रही हैं। ऐसे हालात में बंद से पांच दिन पहले आठ दिसंबर को गृह मंत्रालय से बैठक में बेरोजगारी को दूर करने पर गंभीर मंथन होगा।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 07:42 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 07:42 AM (IST)
राज्य की मांग के बदले लद्दाख को मिलेगा रोजगार का तोहफा, केंद्र 12 हजार रिक्त पद भरने के लिए ले सकता है अहम फैसला
केंद्र सरकार लद्दाख को राज्य बनाने की मांग पर सख्त है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : लद्दाख में राज्य की मांग को लेकर कड़ाके की ठंड में सियासत गर्मा चुकी है, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीच का रास्ता तलाश लद्दाख को रोजगार का तोहफा देने की तैयारी कर ली है। केंद्र करीब 12 हजार खाली पद भरने के लिए अहम फैसला कर सकता है।

इस समय लद्दाख में 13 दिसंबर के बंद को कामयाब बनाने के लिए लद्दाख एपेक्स बाडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस की तैयारियां चल रही हैं। ऐसे हालात में बंद से पांच दिन पहले आठ दिसंबर को गृह मंत्रालय से बैठक में बेरोजगारी को दूर करने पर गंभीर मंथन होगा। लद्दाख बंद का आह्वान करने वाले संगठनों ने राज्य के दर्जे के साथ दो वर्षों से टलते आ रहे भर्ती अभियान को जल्द शुरू कर खाली पड़े करीब 12 हजार पद भरने की मांग भी उठाई है। आठ दिसंबर दोपहर को होने वाली बैठक में बंद का आह्वान करने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ लद्दाख व जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कांफ्रेंस से गृह मंत्रालय के अधिकारियों से अपने मुद्दे उठाएंगे। हालांकि लद्दाख एपेक्स बाडी व कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने राज्य बनाने की मांग समेत कई मुद्दों को लेकर पहले छह दिसंबर को बंद का आह्वान किया था। इसे टाल कर अब 13 दिसंबर कर दिया गया है।

1989 में हो चुके हैं हिंसक प्रदर्शन :

केंद्र सरकार लद्दाख को राज्य बनाने की मांग पर सख्त है। क्षेत्र में शुरू से केंद्र शासित प्रदेश की मांग ही उठती आई है। वर्ष 1989 में इस मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन हो चुके हैं। रणनीतिक रूप से बहुम अहमियत रखने वाले लद्दाख को राज्य बनाना प्रासंगिक नही है। गृह मंत्रालय इस मांग को छोड़कर अन्य जायज मांगों को पूरा करने की दिशा में कार्रवाई कर सकता है। लद्दाख को राज्य बनाने की मांग के खिलाफ भाजपा भी मैदान में है। पार्टी ने लेह व कारगिल जिलों में बंद की राजनीति करने वाले नेताओं का राजफाश करने का अभियान छेड़ रखा है।

लेह व कारगिल में बैठकें :

बंद के समर्थन में लेह व कारगिल में बैठकें कर रणनीति बनाई जा रही है। आठ दिसंबर की बैठक से पहले लद्दाख एपेक्स कमेटी व कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस अपना एजेंडा तय करेगी। संगठनों का कहना है कि लद्दाख की विशिष्ट पहचान को बरकरार रखने के लिए इसे राज्य बनाना समय की मांग है। गृह मंत्रालय से होने वाली बैठक में इस मांग के साथ, 12 हजार पद भरने के साथ लद्दाख के लोगों को संविधान के छठे शेडयूल की तर्ज पर संवैधानिक सुरक्षा देने, दो लोकसभा, एक राज्यसभा की सीट देने की मांग को उठाई जाएगी।

कुछ लोग राजनीति कर रहे- भाजपा :

लद्दाख भाजपा के प्रवक्ता हसन पाशा का कहना है कि लद्दाख को सोच समझ कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। इस पर राजनीति करने वाले वही नेता हैं जिन्हें लोगों ने नकार दिया है। अब हम उनकी विकास विरोधी राजनीति को एक्सपोज कर रहे हैं। 

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