जिगमित थारचिन ने एवरेस्ट फतेह कर किया लद्दाख का नाम राेशन, उपराज्यपाल ने दी बधाई
थारचिन एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के मिशन पर इस वर्ष 17 मार्च को रवाना हुए थे। उन्हें लेह से मिशन के लिए विदा किया गया था। इस अभियान के लेह हिल काउंसिल की ओर से थारचिन को वित्तीय सहयोग उपलब्ध करवाने में भी मदद की गई है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: लेह के तिया गांव के युवा जिगमित थारचिन ने विश्व की सबसे उंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर लद्दाख का नाम रोशन किया है।
थारचिन के बुधवार सुबह पौने आठ बजे के करीब एवरेस्ट लेह हिल काउंसिल का झंडा फहराने के बाद से लद्दाख में उत्साह की लहर है। थारचिन पर चढ़ाई करने वाले लद्दाख के नागरिकों के पहले दल के सदस्य हैं। ऐसे में अब उनके इस बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद वापस आने का इंतजार किया जा रहा है। अगले कुछ दिनों में उनके लेह पहुंचने पर जोरदार स्वागत होना तय है।
वीरवार को लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर ने थारचिन को उनकी उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि क्षेत्र के लोगों को उन पर फख्र है। उपराज्यपाल ने उम्मीद जताई कि थारचिन भविष्य में इसी तरह से कामयाबियां हासिल करते रहेंगे। उपराज्यपाल के साथ लेह हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर ताशी ग्यालसन ने भी बधाई दी है।
थारचिन एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के मिशन पर इस वर्ष 17 मार्च को रवाना हुए थे। उन्हें लेह से मिशन के लिए विदा किया गया था। इस अभियान के लेह हिल काउंसिल की ओर से थारचिन को वित्तीय सहयोग उपलब्ध करवाने में भी मदद की गई है। लद्दाख प्रशासन ने भी थारचिन के इस सपने को साकार बनाने में सहायता की है।
लेह के प्रसिद्ध पर्वतारोही थारचिन लद्दाख के साथ देश की अन्य कई प्रमुख चोटियों पर चढ़ाई कर चुके हैं। उन्होंने एवरेस्ट पर पहली बार चढ़ाई की है। इस सपने काे साकार करने के लिए उन्होंने नेपाल में करीब डेढ़ महीने तक कड़ी मेहनत की। थारचिन अब लद्दाख के अन्य युवा पर्वतारोहियों में भी एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए प्रेरणा जगाएंगे। थारचिन का कहना है कि लद्दाख में प्रतिभा की कोई कमी नही है, बस इस क्षेत्र के युवाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।