जुनून के आगे फीका पड़ गया कोरोना का भय, बरनई की नीतू आठ माह से बिना छुट्टी लिए कोरोना जांच में हाथ बंटा रहीं

नीतू की ड्यूटी मढ़ ब्लाक के घौ मन्हासा में है। उनका कहना है कि यह सब कुछ आसान नहीं है। हर समय खुद भी संक्रमित होने का भय बना रहता है। ड्यूटी के दौरान अपने वर्ष के बेटे को माता-पिता के पास छोडऩा पड़ता है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 08:05 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 08:05 AM (IST)
जुनून के आगे फीका पड़ गया कोरोना का भय, बरनई की नीतू आठ माह से बिना छुट्टी लिए कोरोना जांच में हाथ बंटा रहीं
यहां हर दिन औसतन दो से तीन सौ टेस्ट किए जाते थे।

जम्मू, रोहित जंडियाल: कोरोना संक्रमण के मामले बेशक एक बार फिर से बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दिन रात एक कर दिया। न छुट्टी देखी और न ही काम करने का समय। पूरे जुनून के साथ काम किया। अभी भी उनके हौसले में कोई कमी नहीं आई है।

अच्छी बात यह है कि परिजन भी आपदा के समय उनके इस काम में उनका पूरा सहयोग कर रहे हैं। इन्हीं कर्मचारियों में एक नीतू पंडिता भी हैं। आठ महीनों से लगातार लोगों की कोरोना जांच करने में जुटी हुई है।

जम्मू के बरनेई की रहने वाली नीतू पंडिता नेशनल हेल्थ मिशन में लैब टेक्निशयन है। जम्मू के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. जेपी ङ्क्षसह जब कर्मचारियों की कोरोना जांच के लिए ड्यूटी लगा रहे थे तो नीतू स्वयं आगे आई थीं। मरीजों की सेवा के साथ ही उन्होंने अपने घर में 12 साल के बेटा और माता-पिता का भी ध्यान रखा।

नीतू की जब ड्यूटी लगी तो उस समय जम्मू में कोरोना संक्रमण के मामले उच्चतम स्तर पर थे। हर दिन एक हजार के आसपास मामले मिल रहे थे। उनकी ड्यूटी नेशनल हेल्थ मिशन के फार्मासिस्ट रोहित सेठ के साथ लगी। दोनों की टीम ने 23 अगस्त को पहली बार दोमाना नाके पर लोगों की कोरोना जांच शुरू की थी। इस नाके पर यात्रियों की जांच होती थी। यहां हर दिन औसतन दो से तीन सौ टेस्ट किए जाते थे।

नीतू की ड्यूटी मढ़ ब्लाक के घौ मन्हासा में है। उनका कहना है कि यह सब कुछ आसान नहीं है। हर समय खुद भी संक्रमित होने का भय बना रहता है। ड्यूटी के दौरान अपने वर्ष के बेटे को माता-पिता के पास छोडऩा पड़ता है। नीतू के माता-पिता प्यारे लाल पंडिता और विजया पंडिता का कहना है कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उनकी बेटी दिन रात देश को कोरोना मुक्त बनाने में अपना योगदान दे रही है।

नीतू अअपनी टीम के अन्य सदस्य रोहित सेठ के साथ अब तक दोमाना, बरनेई, गांधीनगर, बेलीचाराना, छन्नी हिम्मत, त्रिकुटा नगर के अलावा शैक्षिक संस्थानों में हजारों लोगों व विद्यार्थियों की कोरोना जांच कर रही है। उनका कहना है कि परिजन भी पूरा सहयोग दे रहे हैं। तभी वे रात बार दस बजे तक भी ड्यूटी पाते हैं। 

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