जाने कौन हैं इंदिरा गांधी सेंटर ऑफ इंडियन कल्चर मॉरिशस के डायरेक्टर बलवंत ठाकुर, क्या है उनका जम्मू-कश्मीर से नाता
जम्मू कश्मीर के रंगमंच को दुनिया तक पहुंचाने वाले नटरंग के निर्देशक बलवंत ठाकुर इंदिरा गांधी सेंटर आफ इंडियन कल्चर मॉरिशस के डायरेक्टर नियुक्त हुए हैं। मॉरिशस के पोर्ट लुईस स्थित इस सेंटर का बलवंत ठाकुर ने सोमवार को पदभार संभाला विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र माना जाता है।
जम्मू, जागरण संवाददाता । जम्मू कश्मीर के रंगमंच को दुनिया तक पहुंचाने वाले नटरंग के निर्देशक बलवंत ठाकुर इंदिरा गांधी सेंटर आफ इंडियन कल्चर मॉरिशस के डायरेक्टर नियुक्त हुए हैं। मॉरिशस के पोर्ट लुईस स्थित इस सेंटर का बलवंत ठाकुर ने सोमवार को पदभार संभाला और इस सेंटर को विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र माना जाता है।
स्वामी विवेकानंद कल्चरल सेंटर जोहान्सबर्ग, साउथ अफ्रीका में सांस्कृतिक राजदूत रह चुके हैं
बलवंत ठाकुर इससे पूर्व स्वामी विवेकानंद कल्चरल सेंटर जोहान्सबर्ग, साउथ अफ्रीका में सांस्कृतिक राजदूत रह चुके हैं। रंगमंच के क्षेत्र के जादूगर के नाम से जाने जाने वाले बलवंत ठाकुर को भारत सरकार की ओर से कला के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए पदमश्री सम्मान भी दिया गया है।
आइसीसीआर के जम्मू कश्मीर के रीजनल डायरेक्टर भी रह चुके हैं
वह जम्मू कश्मीर कला, संंस्कृति एवं भाषा अकादमी के सचिव और आइसीसीआर के जम्मू कश्मीर के रीजनल डायरेक्टर भी रह चुके हैं। मॉरिशस के पोर्ट लुईस इस संस्कृति केंद्र को उद्धाटन भारत के तत्कालीन प्रधान अटल बिहारी वाजपेयी और मॉरिशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. नवीन चंद्रा रामगोलाम ने 11 मार्च, 2000 को किया था।
यह केंद्र मॉरिशस और भारत के बीच सांस्कृति आदान प्रदान के लिए बनाया गया है
यह केंद्र मॉरिशस और भारत के बीच सांस्कृति आदान प्रदान के लिए बनाया गया है। इस केंद्र की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमीनार, कार्यशालाओं का आयोजन किया जा सकता है। इस केंद्र की लाइब्रेरी में भारत की विभिन्न भाषाआें, हिंदी, अंग्रेजी के अलावा उर्दू, तमिल, तेलुगु, मराठी आदि की पुस्तकें भी हैं जिनमें भारतीय इतिहास व संस्कृति की जानकारी मिलती है।
वहीं बलवंत ठाकुर के डायरेक्टर बनने पर जम्मू के लोगों ने खुशी जाहिर की है। बलवंत ठाकुर ने भी दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि वह अपनी इस जिम्मेदारी को भी बेहतर तरीके से निर्वाह करने का प्रयास करेंगे। वह यहां पर जम्मू कश्मीर की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे ताकि दुनिया भी इसे जान सके।