जानिए किस चीज की खेती से लद्दाख की अर्थव्यव्था को मजबूत करने की है तैयारी, अब बंजर में भी होगी हरियाली

इस मुहिम को कामयाब बनाने के लिए चीन से सटे इलाकों की सुरक्षा करने वाली आइटीबीपी सहयोग दे रही है। आइटीबीपी ने खादी विलेज एंड इंडस्ट्री बोर्ड के साथ मिलकर अब तक लेह में 12 हजार बांस के पौधे लगा दिए हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Fri, 20 Aug 2021 03:19 PM (IST) Updated:Fri, 20 Aug 2021 06:20 PM (IST)
जानिए किस चीज की खेती से लद्दाख की अर्थव्यव्था को मजबूत करने की है तैयारी, अब बंजर में भी होगी हरियाली
बांस की खेती से लद्दाख में स्थानीय उद्योग को बढ़ावा मिलना तय है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । लद्दाख में बंजर जमीनी पर बांस के पौधे लगाकर स्थानीय अर्थ व्यवस्था को बेहतर बनाने की मुहिम ने जोर पकड़ लिया है। खादी विलेज एंड इंडस्ट्री बोर्ड अपने प्रोजेक्ट बोल्ड के तहत लेह जिले के बंजर इलाकों में भूमि कटाव को रोकने के साथ लोगों को बांस की खेती कर कमाई बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहा है।

इस मुहिम को कामयाब बनाने के लिए चीन से सटे इलाकों की सुरक्षा करने वाली आइटीबीपी सहयोग दे रही है। आइटीबीपी ने खादी विलेज एंड इंडस्ट्री बोर्ड के साथ मिलकर अब तक लेह में 12 हजार बांस के पौधे लगा दिए हैं। इनमें से चुशोत इलाके में ही एक हजार बांस के पौधे लगाए गए है। आइटीबीपी ने यह अभियान लेह में सेना द्वारा अपने परिसर में बांस की विशेष प्रजाति के 20 पौधे लगाने के तीन दिन बाद छेड़ा है।

ऐसे में खादी विलेज एंड इंडस्ट्री बोर्ड की पहल के बाद अब आने वाले दिनों में सेना व आइटीबीपी बांस के लाखों पौधे लगाकर ग्रामीणों को बांस से जुड़े काम धंधे स्थापित करने की प्रेरणा देंगे। बांस लगाने के लिए खोदे जा रह गड्डों में जमीन को नरम किया जाता है। लेह जिले में बंजर जमीन का इस्तेमाल न होने के कारण वह भी पथरीली हो गई है। यही कारण है कि इस बंजर जमीन को बांस की खेती के लिए इस्तेमाल करने की दिशा में काम हो रहा है। बांस की खेती से लद्दाख में स्थानीय उद्योग को बढ़ावा मिलना तय है।

लद्दाख में मठों में इस्तेमाल होने वाली अगरबत्ती अन्य प्रदेशों से लाई जाती है। इसके साथ बांस की सीढ़ी, अन्य साजो सामान बनाने के साथ इसे निमार्ण में भी इस्तेमाल किया जाता है। लद्दाख में बंजर जमीन की कोई कमी नहीं है। ऐसे में बांस से क्षेत्र में हरियाली के साथ आर्थिक उन्नति भी आ सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट बोल्ड के तहत चुने गए तीन इलाकों में लद्दाख का लेह जिला भी शामिल है। लेह के साथ उदयपुर व अहमदाबाद में बांस लगाए जा रहे हैं। 

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