जाने जम्मू की बेटी माव्या को, जो जम्मू-कश्मीर की पहली एयरफोर्स महिला फाइटर बनी
देश की 12वीं और जम्मू कश्मीर की पहली एयर फोर्स महिला फाइटर पायलट माव्या सूदन ने तेलंगाना की डुंडिगल वायुसेना अकादमी हैदराबाद में पासिंग आउट परेड में भाग लेकर नाम रोशन किया है। पासिंग आउट परेड में माव्या इकलौती ऐसी महिला फाइटर पायलट थीं।
जम्मू, अवधेश चौहान : देश की 12वीं और जम्मू कश्मीर की पहली एयर फोर्स महिला फाइटर पायलट माव्या सूदन ने तेलंगाना की डुंडिगल वायुसेना अकादमी, हैदराबाद में पासिंग आउट परेड में भाग लेकर नाम रोशन किया है। पासिंग आउट परेड में माव्या इकलौती ऐसी महिला फाइटर पायलट थीं।
चंडीगड़ में डीएवी से पालिटिकल साइंस विषय में ग्रेजुएशन किया
माव्या जम्मू संभाग के सीमावर्ती राजौरी जिले के लंबेड़ी की रहने वाली हैैं। 23 साल की माव्या ने जम्मू के कार्मल कान्वेंट स्कूल में अपनी शिक्षा हासिल की है। उसके बाद चंडीगड़ में डीएवी से पालिटिकल साइंस विषय में ग्रेजुएशन किया।
उनकी बहन तान्या सूदन ने जागरण को बताया कि बचपन से ही माव्या को भारतीय वायु सेना में शामिल लड़ाकू विमान उड़ाने का शौक था। उनका सपना आज साकार हुआ। बहन की तमन्ना थी कि वह लड़ाकू विमान उड़ाकर देश का नाम रोशन करे। माव्या बचपन से पढ़ने में होशियार थीं।
बचपन से ही उसे भारतीय सेना में काम करने की प्रेरणा मिली
उसने 2020 में वायु सेना सामान्य प्रवेश परीक्षा पास की तो उस समय मैैं समझ गई कि वह देश का नाम रोशन करेगी। आज वह दिन आ गया, जब उसने एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया को पासिंग आउट परेड में सैल्यूट किया तो जम्मू कश्मीर का ही नहीं, बल्कि देश का नाम रोशन हो गया। बहन तान्या सूदन ने बताया कि बचपन से ही उसे भारतीय सेना में काम करने की प्रेरणा मिली।
सीमा पर विषम हालात में जब किसी मासूम की हत्या होती थी तो वह विचलित हो जाती थी, जिसके बाद उसने प्रण किया कि वह पढ़-लिख कर एक दिन दुश्मन देश को सबक जरूर सिखाएगी। उसकी तमन्ना है कि राफेल से उड़ान भरकर पाकिस्तान को एक बार उसकी करतूत का सबक जरूर सिखाया जाए।
माव्या सूदन हैदराबाद में पासिंग आउट परेड में व्यस्त रही। इस कारण उनसे बातचीत नहीं हो पाई। तान्या चाहती है कि उनकी बहन एक दिन राफेल फाइटर प्लेन उड़ाकर यह बता दे कि देश की महिलाएं किसी से कम नही हैं।