Kishtwar Tourism: पर्यटन मानचित्र पर आएगा किश्तवाड़, केंद्र व प्रदेश सरकार ने मिलकर बढ़ाए कदम

प्रकृति ने किश्तवाड़ को आपार सौंदर्य दिया है।इस सौंदर्य को अब सहीं ढंग से प्रस्तुत करने की जरूरत है। उन्होंने पर्यटन विभाग को स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बेहतर सड़क संपर्क बनाने ठहरने व खाने-पीने का उचित प्रबंध करवाने तथा इसके प्रचार-प्रसार के लिए रणनीति तैयार करने की सलाह दी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 12:03 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 12:03 PM (IST)
Kishtwar Tourism: पर्यटन मानचित्र पर आएगा किश्तवाड़, केंद्र व प्रदेश सरकार ने मिलकर बढ़ाए कदम
उठाए जाने कदमों में स्थानीय प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग का विश्वास दिलाया।

जम्मू, जागरण संवाददाता: प्राकृतिक सौंदर्य का रसपान करवाती चोटियों व बेमिसाल संस्कृति को संजोए किश्तवाड़ जिले को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास तेज हो रहे हैं। पर्यटन निदेशालय जम्मू की ओर किश्तवाड़ पर पहली बार वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें किश्तवाड़ में पर्यटन की संभावनाओं व देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने की इसकी क्षमता पर विस्तार से चर्चा हुई। वेबीनार में किश्तवाड़ को जम्मू-कश्मीर का पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाने के लिए भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा की गई।

वेबीनार में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की एडिशनल डायरेक्टर जनरल रूपेंद्र बरार मुख्य अतिथि थी जिन्होंने इस पहल के लिए पर्यटन विभाग जम्मू को मुबारकबाद देने के साथ भविष्य में इसके लिए किए जाने वाले प्रयासों पर रोशनी डाली। बरार ने कहा कि प्रकृति ने किश्तवाड़ को आपार सौंदर्य दिया है और इस सौंदर्य को अब सहीं ढंग से प्रस्तुत करने की जरूरत है। उन्होंने पर्यटन विभाग को स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बेहतर सड़क संपर्क बनाने, ठहरने व खाने-पीने का उचित प्रबंध करवाने तथा इसके प्रचार-प्रसार के लिए रणनीति तैयार करने की सलाह दी।

पयर्टन विभाग जम्मू के निदेशक विवेकानंद राय ने वेबीनार में किश्तवाड़ के प्रचार-प्रसार के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि किश्तवाड़ में केसर फेस्टिवल व बाइक रैली के आयोजन के अलावा कई चुनौतीपूर्ण व धार्मिक आयोजन करने की योजना है जिसके लिए ढांचागत सुविधाएं भी तैयार की जा रही है। किश्तवाड़ के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर किशोरी लाल शर्मा ने इस दौरान किश्तवाड़ जिला कश्मीर से आधा है लेकिन इसके उत्तर में हिमायल की चोटियां है। इसके जंगल, वाटरफाॅल, घाटियां व धार्मिक स्थल इसे अहम बनाते हैं। उन्होंने किश्तवाड़ को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए उठाए जाने कदमों में स्थानीय प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग का विश्वास दिलाया।

वेबीनार के दौरान सुरुईंसर-मानसर डेवलपमेंट अथारिटी के पूर्व सीइओ एवं मौजूदा समय में श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार नागेंद्र सिंह जम्वाल, पर्यटन विभाग जम्मू के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर अरविंद कोतवाल, पर्यावरणविद्ध ओपी विद्यार्थी, एवरेस्ट फतह कर चुके जम्मू-कश्मीर पुलिस के इंस्पेक्टर राम सिंह व वर्क फॉर माउंटेन्स के सह-संस्थापक प्रशांत मथवान ने भी अपने विचार रखे। वेबीनार का संचालन युवा लेखक मेघा सिन्हा ने किया। 

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