Kishtwar Cloudburst : एक था हंजर गांव; लापता 19 लोगों का दूसरे दिन भी नहीं मिला कोई सुराग

जम्मू संभाग के एडीजीपी मुकेश सिंह और मंडल आयुक्त राघव लंगर बुधवार शाम को किश्तवाड़ पहुंच गए थे और उन्होंने जिला अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की। वीरवार सुबह वह सड़क के रास्ते घटनास्थल हंजर गांव के लिए रवाना हुए।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 09:00 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 09:00 AM (IST)
Kishtwar Cloudburst : एक था हंजर गांव; लापता 19 लोगों का दूसरे दिन भी नहीं मिला कोई सुराग
राहत कार्य का काम आज शुक्रवार सुबह फिर शुरू किया।

किश्तवाड़, बलबीर सिंह जम्वाल : कोई है...। मेरी आवाज अगर कोई सुन रहा है तो बोले...। पूरी तरह मलबे में तब्दील हो चुके हंजर गांव के लोग बदहवास हालत में पत्थरों के नीचे, टूटे-फूटे घरों और जमींदोज हो चुके पड़ों के नीचे चिल्ला-चिल्ला कर अपनों की तलाश में जुटे रहे। गला सूख गया, अन्न का एक भी दाना गले नहीं उतरा। सुबह से दोपहर और फिर शाम भी हो गई, लेकिन लापता 19 लोगों में से किसी का कोई सुराग नहीं मिला। बचाव दल ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन हाथ मायूसी ही आई।

जिले की दच्छन तहसील के हंजर गांव में बुधवार तड़के बादल फटने से बाढ़ के साथ आए मलबे में 43 लोग दब गए थे। सात के शव बरामद कर लिए गए थे, जबकि गंभीर रूप से घायल 17 लोगों को बचा लिया गया था।

हेलीकाप्टर से पहुंची एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें : हंजर में जारी बचाव कार्य में वीरवार को वायुसेना भी जुट गई। जम्मू से वायुसेना के तीन हेलीकाप्टर से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ और डॉग स्क्वायड की टीमों को हंजर तक पहुंचाया गया। इन टीमों ने भी बचाव कार्य शुरू कर दिया है। इस दौरान, दो घायलों को एयरलिफ्ट कर किश्तवाड़ के जिला अस्पताल में पहुंचाया गया।

चप्पे-चप्पे में तलाश, आज फिर चलेगा अभियान : हंजर गांव में जब एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुंचीं तो अपनों को तलाश रहे लोगों की आंखों में उम्मीद जाग उठी। इन टीमों के साथ हंजर व आसपास के गांव के लोग भी जुट गए। जिन-जिन जगहों पर उन्हेंं थोड़ा भी शक हुआ या खोजी कुत्तों ने थोड़ा सा इशारा किया, सभी ने मिलकर उस जगह को अच्छी तरह खंगाला। कुछ लोग हंजर गांव से लेकर भंडार कूट तक दरिया के किनारे अपनों की तलाश में लगे रहे, इस आस के साथ कि यदि कोई जीवत नहीं बचा है तो कम से कम उसका शव ही मिल जाए, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। राहत कार्य का काम आज शुक्रवार सुबह फिर शुरू किया।

दच्छन से लेकर रामबन तक रेड अलर्ट घोषित : बादल फटने से आई बाढ़ के कारण बड़े-बड़े पत्थर इलाके में फैल गए हैं। कुछ पेड़ गिर हैं। आशंका जताई जा रही है कि लापता लोग इनमें दब गए हैं या पानी के तेज बहाव में आगे बह गए होंगे। इसी बात को लेकर दच्छन से लेकर रामबन तक रेड अलर्ट घोषित कर चिनाब के किनारे लोगों की ड्यूटी लगाई गई है।

हंजर गांव पहुंचे मंडल आयुक्त और एडीजीपी : जम्मू संभाग के एडीजीपी मुकेश सिंह और मंडल आयुक्त राघव लंगर बुधवार शाम को किश्तवाड़ पहुंच गए थे और उन्होंने जिला अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की। वीरवार सुबह वह सड़क के रास्ते घटनास्थल हंजर गांव के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने दच्छन तहसील के हेड क्वार्टर सोंदर में स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ जिला उपायुक्त किश्तवाड़ अशोक शर्मा और एसएसपी शफकत हुसैन भट्ट भी मौजूद रहे।

हंजर गांव की है करीब 400 आबादी: बादल फटने से प्रभावित हंजर गांव की करीब 400 आबादी है। कुछ घर ऊपर की तरफ व कुछ नीचे बने हैं। बादल फटने से निचले क्षेत्र को ज्यादा नुकसान हुआ है। इसके साथ ही मारू सुदन दरिया भी बहता है। कुछ लोगों के इस दरिया में बहने की भी आशंका है।

प्रभावित परिवारों का होगा पुनर्वास : राज्यपाल

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि किश्तवाड़ में बादल फटने से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा। घटनास्थल पर बचाव टीमें पहुंच चुकी हैं। सभी संसाधनों को बचाव कार्य में झोंक दिया जाएगा। 

chat bot
आपका साथी