Bharat Bandh : किसान कानूनों के विरोध में रियासी में किसान तहरीक ने किया प्रदर्शन

किसानों के भारत बंद के आह्वान के समर्थन में सोमवार को रियासी में भी जम्मू-कश्मीर किसान तहरीक की जिला इकाई ने प्रदर्शन किया। रियासी थापा चौक के समीप तहरीक के जिला प्रधान सोहन लाल शर्मा की अगुवाई में किसानों ने जमकर नारेबाजी की।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 04:58 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 05:02 PM (IST)
Bharat Bandh : किसान कानूनों के विरोध में रियासी में किसान तहरीक ने किया प्रदर्शन
थापा चौक के समीप तहरीक के जिला प्रधान सोहन लाल शर्मा की अगुवाई में किसानों ने जमकर नारेबाजी की।

रियासी, संवाद सहयोगी : किसानों के भारत बंद के आह्वान के समर्थन में सोमवार को रियासी में भी जम्मू-कश्मीर किसान तहरीक की जिला इकाई ने प्रदर्शन किया। रियासी थापा चौक के समीप तहरीक के जिला प्रधान सोहन लाल शर्मा की अगुवाई में किसानों ने जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर सोहनलाल शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा जो तीन कृषि कानून बनाए गए हैं वह किसानों के साथ ही मजदूर तथा आम लोगों के हित में नहीं है। अभी तक लोग यह सब समझ नहीं पा रहे, लेकिन आने वाले समय में इनका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

प्रदर्शन के दौरान किसानों ने इसे काला कानून करार देते हुए कहा कि पिछले लगभग नौ माह से किसान सड़क पर हैं, लेकिन सरकार अड़ियल रवैया अपनाएं यह कानून जबरदस्ती थोपने में लगी हुई है। प्रदर्शन में कई किसान अपनी जान गंवा बैठे हैं। उनके परिवार को सहायता तथा किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। जिला की समस्याएं बताते हुए किसानों ने कहा कि सिंचाई की कई कूले क्षतिग्रस्त पड़ी है। मनरेगा में काम करने वाले कई लोगों का पिछले पांच साल से मेहनताना बकाया है।

सेना द्वारा कई जगहों पर किसानों की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा नहीं दिया गया। उन्होंने लाइसेंसी बंदूकों के नवीनीकरण ना किए जाने को बड़ी समस्या करार देते हुए कहा कि फीस भरवाने के बाद लाइसेंस नवीनीकरण के लिए लोग कार्यालय के बार-बार चक्कर काटकर अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन ना तो लाइसेंस नवीनीकरण किया जा रहा और ना ही इस बारे में स्थिति स्पष्ट की जा रही।

लाइसेंस नवीनीकरण ना होने से कारतूस भी नहीं मिल पा रहे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिला के कुछ जगहों में इस बार भी मक्की की फसल प्रभावित हुई है जिसका सरकार की तरफ से जायजा लेकर सहायता प्रदान करने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। इस दौरान बंदरों द्वारा फसलों को उजाड़ने की समस्या के समाधान के लिए भी कोई कारगर योजना बनाने की मांग की गई।

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