Kheer Bhawani Mela Kashmir: मां भवानी की पूजा कर कश्मीरी पंडितों ने की घाटी वापसी की कामना की

आल इंडिया यूथ कश्मीरी समाज के कार्यकर्ता संजय रैना ने कहा कि इस बार अधिकांश कश्मीरी घाटी के तुलमुला में स्थित माता क्षीर भवानी के दर्शनों के लिए नही जा पाए हैं। पिछले दो साल से सरकारी यात्रा नही हो पा रही।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 12:44 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 12:44 PM (IST)
Kheer Bhawani Mela Kashmir: मां भवानी की पूजा कर कश्मीरी पंडितों ने की घाटी वापसी की कामना की
कश्मीरी पंडित तुलमुला में मां के दरबार में पहुंच कर आसानी से हाजिरी दे पाएंगे।

जम्मू, जागरण संवाददाता: ज्येष्ठ अष्टमी के अवसर पर कश्मीरी पंडितों ने माता क्षीर भवानी की पूजा अर्चना की। खीर, दूध फूल चढ़ाकर कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की कामना की। कश्मीरी पंडित हर साल ज्येष्ठ अष्टमी के दिन माता के मंदिर पहुंचते हैं और माता की अराधना करते हैं। समुदाय के लोगों का मानना है कि इसी दिन माता का जन्म हुआ था और इस दिन को हर कश्मीरी पंडित पूरे श्रद्धा से मनाता है।

वहीं कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच कश्मीर के जिला गांदरबल के तुलमुला गांव में स्थित मां खीर भवानी के दर्शनों को सैकड़ों कश्मीरी पंडित पहुंचे। एक कश्मीरी पंडित परिवार ने बताया कि वे सभी कोरोना एसओपी का पालन करते हुए माता खीर भवानी उत्सव मना रहे हैं।यहां देशभर से पहुंचे पंडितों ने मां भवानी से प्रार्थना की है कि वह पूरी दुनिया से इस महामारी का सफाया कर दें। इस वर्ष भी कोविड-19 के कारण गांदरबल स्थित खीर भवानी मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या में गिरावट नजर आई, लेकिन यहां जो सांप्रदायिक सद्भाव देखने को मिल रहा है, वह अद्वितीय है। मां भवानी के दरबार में घाटी में रहने व देश के दूसरे राज्यों में रहने वाले काफी कश्मीरी पंडित पहुंचे हैं।

चूंकि कोरोना काल है, इसलिए अधिकांश पंडितों ने अपने अपने घरों मे ही रहकर माता की अराधना की या फिर नजदीक के मंदिर पहुंच कर माता की पूजा की। कश्मीरी पंडित महिलाओं ने दूध, खीर, फल, फूल से थाल सजाए और उनको कुंड में प्रवाहित कर कश्मीरी पंडितों की सुख शांति के लिए कामना की। वहीं कश्मीरी पंडितों ने माता खीर भवानी से दुआ मांगी कि शीघ्र उनकी कश्मीरी वापसी हो। यह लोग अपनी मिट्टी व अपनी संस्कृति से फिर जुड़ सकें।

आल इंडिया यूथ कश्मीरी समाज के कार्यकर्ता संजय रैना ने कहा कि इस बार अधिकांश कश्मीरी घाटी के तुलमुला में स्थित माता क्षीर भवानी के दर्शनों के लिए नही जा पाए हैं। पिछले दो साल से सरकारी यात्रा नही हो पा रही। लिहाजा अधिकांश कश्मीरी पंडित घरों में या आसपास के मंदिरों में पहुंच कर माता की अराधना कर रहा है। लेकिन हर कश्मीरी पंडित के दिल में यह बात आज भी है कि वे अपने घर घाटी वापिस जाना चाहते हैं। ऐसा होने पर कश्मीरी पंडित तुलमुला में मां के दरबार में पहुंच कर आसानी से हाजिरी दे पाएंगे।

शादी लाल पंडिता ने बताया कि जगटी में कश्मीरी पंडित यहां पर बने मंदिर परिसर में पहुंचे और हवन यज्ञ किया व खुशहाली के लिए माता से प्रार्थना की। वहीं विरेंद्र रैना ने जानीपुरा में माता क्षीर भवानी मंदिर के दर्शन कर हर कश्मीरी पंडित की खुशहाली मांगी। 

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