Jammu : राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच की जम्मू इकाई ने करवाई पहली कवि गोष्ठी

राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच की जम्मू इकाई की ओर से ऑनलाइन कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कवि गोष्ठी का आयोजन जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रतन सहगल की देखरेख में किया गया। वरिष्ठ कवि संजीव भसीन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 08:43 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 08:43 PM (IST)
Jammu : राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच की जम्मू इकाई ने करवाई पहली कवि गोष्ठी
ऑनलाइन कवि गोष्ठी से देश भर के कवियों को एक दूसरे को सुनने का मौका मिलता है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच की जम्मू इकाई की ओर से ऑनलाइन कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कवि गोष्ठी का आयोजन जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रतन सहगल की देखरेख में किया गया। वरिष्ठ कवि संजीव भसीन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संचालन शेख मोहम्मद कल्याण ने किया। राष्ट्रीय काव्य मंच दिल्ली के अध्यक्ष आमोद कुमार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने आयोजित कवि गाेष्ठी में भाग लेने वाले सभी कवियों की रचनाओं की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से देश भर के कवियों को एक दूसरे को सुनने का मौका मिलता है।

उन्होंने कवि गोष्ठी के आयोजन के लिए राष्ट्रीय काव्य मंच की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रतन सहगल की सराहना करते हुए कहा कि इस सफल आयोजन से साफ है कि संस्था आगे बडे़-बडे़ कार्यक्रमों का भी आयोजन कर सकेंगी। जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रतन सहगल ने कहा कि हमारा यह मंच काव्य द्वारा लगभग भारत के सभी राज्यों और संसार के बीस देशों से जुड़ा है। वह इस काव्य मंच द्वारा केवल कविता पाठ ही नहीं करते। मंच व्यक्ति से व्यक्ति, देश से देश जोड़ने के लिए एक सेतू बनाने का प्रयत्न करता है। कविता आदमी के अंतर में परिवर्तन लाती है। अच्छे भावों को उत्पन्न करती है।

इस गोष्ठी में डोगरी, हिन्दी के लगभग 14 कवियों ने भाग लिया। जीवन के विभिन्न रंगों को चित्रित करती कविताएं पसंद की गई। जिन कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ी उनमें डोगरी में शिवदेव सिंह सुशील, सुनिला शर्मा, हास्य कवि रणधीर सिंह रायपुरिया, हिन्दी में जिन प्रमुख कवियों ने अपनी अपनी कविताओं का पाठ किया उनमें अमिता मेहता, सुमन पाल, गिरिजा शर्मा, डा. गुरु शर्मा, विशाल चाढक, आमोद कुमार, रतन सहगल, शेख मोहम्मद कल्याण, संजीव भसीन और प्रवीन गग्नेजा शामिल थे। विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित कवित्री सुमन पाल ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया।

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