Kashmiri Pandits: RSS सरकार्यवाह होसबाले बोले- कश्मीरी पंडितों का यह अंतिम विस्थापन साबित होगा

विस्थापन के तीन दशकों के बाद पहली बार ऐसा अवसर आया जब कश्मीरी हिंदू विस्थापित समाज नवरेह उत्सव को त्यागसमर्पण संकल्प और शौर्य दिवस के रूप में मनाया। हसबोले ने जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षा कर्मियों की भूरि भूरि प्रशंसा की जोकि डटकर आतंकवाद काे जवाब दे रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 09:13 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 09:13 AM (IST)
Kashmiri Pandits: RSS सरकार्यवाह होसबाले बोले- कश्मीरी पंडितों का यह अंतिम विस्थापन साबित होगा
दत्तात्रेय होसबाले ने कश्मीरी पंडितों की सराहना की जोकि अपनी संस्कृति, इतिहास को संभाल कर रखे हुए हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि कश्मीरी पंडितों द्वारा अगला नवरेह कश्मीर में मनाने का संकल्प सार्थक होगा। ऐसा विश्वास उनको कश्मीरी पंडितों के संकल्प के हौंसलों से नजर आता है। वह बुधवार शाम को संजीवनी शारदा केंद्र जम्मू की ओर से आयोजित कार्यक्रम में आन लाइन कश्मीरी पंडितों को संबोधित कर रहे थे।

नवरेह (नया साल) के अवसर पर रखे गए इस कार्यक्रम में उन्होंने कश्मीरी पंडितों की सराहना की जिन्होंने अगला नवरेह घाटी में मनाने का संकल्प लिया है। कहा कि संकल्प में शक्ति होती है और जब संकल्प राष्ट्र धर्म और समाज के लिए हो तो उसमे शक्ति सौ गुणा बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं से हमारे पूर्वज सदियों तक संघर्ष करते रहे लेकिन कभी हार नहीं मानी।

कभी शिर्य भट्ट ने त्याग और समर्पन का उदाहरण प्रस्तुत किया था और ललिता दित्य ने शौर्य की मिसाल पेश की थी। इन हस्तियों का आज अनुसरण भी आवश्यक है। इसी से ही कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी का संकल्प पूरा होगा। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि सदियों से कश्मीरी पंडित विस्थापन के दर्द को सहता आ रहा है और बार बार उसे विस्थापित होना पड़ा है। 1989-90 में कश्मीरी पंडितों को सातवीं बार विस्थापित होना पड़ा। लेकिन अबकी यह अंतिम विस्थापन साबित होगा। दत्तात्रेय होसबाले ने कश्मीरी पंडितों की सराहना की जोकि अपनी संस्कृति, इतिहास को संभाल कर रखे हुए हैं।

विस्थापन की पीड़ा सहने करने के बाद भी कश्मीरी पंडित अपनी संस्कृति से जुड़े रहे। उन्होंने कश्मीरी हिंदुओं के त्याग और बलिदान की चर्चा भी अपने संबोधन में की और टीका लाल टपलू, जस्टिस नीलकंठ गंजू,सरला भट्ट व प्रेम नाथ भट्ट का नाम लिया जो घाटी में मजहबी उन्माद्ध का शिकार हो गए।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह ने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य और विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि धारा 370 और 35 ए का जाना, लोगों के लिए एक मील का पत्थर हुआ है। जम्मू कश्मीर के विकास और उत्थान के लिए अनेकों वर्षों से लंबित काम वर्तमान सरकार कर रही है,जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए नवरहे खास हैं।

विस्थापन के तीन दशकों के बाद पहली बार ऐसा अवसर आया, जब कश्मीरी हिंदू विस्थापित समाज नवरेह उत्सव को त्याग, समर्पण, संकल्प और शौर्य दिवस के रूप में मनाया। हसबोले ने जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षा कर्मियों की भूरि भूरि प्रशंसा की जोकि डटकर आतंकवाद काे जवाब दे रहे हैं। इससे पूर्व कार्यक्रम के शुभारंभ में संजीवनी शारदा केंद्र के उपाध्यक्ष अवतार कृष्ण ने नवरेह महोत्सव 2021 में योगदान देने वाले सभी संगठनों का धन्यवाद किया।

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