Jammu Kashmir: कश्मीरी पंडितों ने टिका लाल टपलू को श्रद्धांजलि देकर घाटी वापसी का दोहराया संकल्प

पनुन कश्मीर के प्रधान वीरेंद्र रैना ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के साथ जो जाति संहार हुआ सोची समझी साजिश थी। पनुन कश्मीर कश्मीरी पंडितों के मामलों को लगातार उठाता ही रहेगा। वहीं केंद्र सरकार से कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के मामले को गंभीरता से लिया जाए।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 06:36 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 06:36 PM (IST)
Jammu Kashmir: कश्मीरी पंडितों ने टिका लाल टपलू को श्रद्धांजलि देकर घाटी वापसी का दोहराया संकल्प
पंडित टिका लाल टपलू समेत अन्य शहीद कश्मीरी पंडितों को श्रद्धांजलि दी गई ।

जम्मू, जागरण संवाददाता। कश्मीरी पंडितो ने शहीद पंडित टिका लाल टपलू को याद किया। 1990 के आतंकवाद दौर में पंडित टिका लाल टपलू की घाटी में हत्या कर दी गई थी। वहीं कई कश्मीरी पंडितों की घाटी में हत्याएं भी हुई। कश्मीरी बलिदान दिवस मनाकर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। पनुन कश्मीर की ओर से रखे गए कार्यक्रम में पंडित टिका लाल टपलू समेत अन्य शहीद कश्मीरी पंडितों को श्रद्धांजलि दी गई और वहीं घाटी वापसी का कश्मीरी पंडितों ने संकल्प दोहराया।

इस मौके पर पुनन कश्मीर के प्रधान वीरेंद्र रैना, महासचिव उपेंद्र कौल, महासचिव कमल भगती, अशोक, समीर भट्ट, विमला, संतोष शर्मा, पीके दुरानी, पीके भान, केवल कृष्ण, संजय कौल व समीर मट्टू उपस्थित थे। इस मौके पर कश्मीरी पंडितों ने संकल्प लिया कि वे अपना समुदाय फिर से कश्मीर में स्थापित करें और अपना होमलैंड वहां कायम करेंगे। कश्मीरी पंडितों ने उन सुरक्षा बल के जवानों को भी श्रद्धांजलि दी जोकि घाटी में आतंकवाद का मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे।

पनुन कश्मीर के प्रधान वीरेंद्र रैना ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के साथ जो जाति संहार हुआ, सोची समझी साजिश थी। पनुन कश्मीर कश्मीरी पंडितों के मामलों को लगातार उठाता ही रहेगा। वहीं केंद्र सरकार से कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के मामले को गंभीरता से लिया जाए। कश्मीरी पंडित घाटी वापिस जाना चाहता है। लेकिन यह कश्मीरी पंडित अपनी इच्छा, मान सम्मान के साथ जाना चाहेंगे। सरकार को चाहिए कि कश्मीरी पंडित नेताओं से पहले बात तो करे ताकि कोई रोड मैप तैयार हो सके।

वहीं मांग की कि घाटी के मंदिर मठों को संरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार जल्दी से जल्दी कानून बनाए। वहीं कश्मीरी पंडितों के हक में दूसरे कई फैसले ले। ऐसा करने से कश्मीरी पंडितों में भी सरकार के प्रति एक विश्वास जगेगा कि सरकार वास्तव में कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ कर रही है।  

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