Kashmiri Pandits : घाटी वापसी नहीं होने से खुद को ठगा महसूस कर रहे कश्मीरी पंडित

शादीलाल जगटी टेनामेंट कमेटी व सोन कश्मीर के प्रधान शादीलाल पंडिता ने बताया कि भाजपा सरकार केंद्र में लंबा अर्सा गुजार चुकी है लेकिन कश्मीरी पंडितों के मसलों पर उसकी खामोशी से साफ है कि उसे हमारी घाटी वापसी से कोई सरोकार नहीं है।

By Edited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 07:45 AM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 08:01 AM (IST)
Kashmiri Pandits : घाटी वापसी नहीं होने से खुद को ठगा महसूस कर रहे कश्मीरी पंडित
ऐसा लगता है कि सरकार अब कश्मीरी पंडितों को लेकर गंभीर नहीं है।

जागरण संवाददाता, जम्मू : 1990 में कश्मीर घाटी से विस्थापित होकर जम्मू और देश के अन्य इलाकों में जाकर बसे कश्मीरी पंडित तीन दशक बाद भी घर वापसी नहीं हो पाने से निराश होने लगे हैं। उनका कहना है कि अब तक विभिन्न सरकारों ने उन्हें घर वापसी के नाम पर ठगा। भाजपा ने भी यही काम किया।

बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन वह भी कश्मीरी पंडितों को घाटी में नहीं बसा पाई। उनका कहना है कि भाजपा सरकार के पास भी कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी को लेकर कोई ठोस प्रोग्राम नहीं है। ऐसा होता तो वह कम से कम इस मसले पर उनसे चर्चा तो करती और उनको अंधेरे में नहीं रखती। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि सरकार को श्रीनगर, बारामुला और अनंतनाग में तीन कालोनियां बनाकर कश्मीरी पंडितों को वहां बसाना चाहिए। एक कालोनी में 40 हजार कश्मीरी पंडित बसाए जा सकते हैं। इस पर कितनी बार सरकार से चर्चा भी हो चुकी है, लेकिन अब कश्मीरी पंडितों से इस पर पूछने पर वे यही जवाब देते हैं कि पता नहीं यह सपना कब सच होगा।

कश्मीरी पंडित इस बात से भी नाराज हैं कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत जिन पंडित युवाओं को घाटी में नौकरी मिली है, उसे कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी से जोड़कर देखा जा रहा है। इस पर उनसे बात करने पर वे साफ करते हैं कि यह रोजगार से जुड़ा मसला है, ने कि घर वापसी। कश्मीरी पंडित आरके के टिक्कू का कहना है कि 32 साल का समय गुजर गया, लेकिन कश्मीरी पंडित अपनी मिट्टी से नहीं जुड़ पाया है। इसलिए भाजपा को इस मसले पर अपनी स्पष्ट राय कश्मीरी पंडितों के समक्ष रखनी चाहिए। उसकी सरकार की क्या योजना है, इसका खाका भी बताना चाहिए।

सत्ता प्राप्ति के लिए भाजपा ने हमारा इस्तेमाल किया : शादीलाल जगटी टेनामेंट कमेटी व सोन कश्मीर के प्रधान शादीलाल पंडिता ने बताया कि भाजपा सरकार केंद्र में लंबा अर्सा गुजार चुकी है, लेकिन कश्मीरी पंडितों के मसलों पर उसकी खामोशी से साफ है कि उसे हमारी घाटी वापसी से कोई सरोकार नहीं है। यह अब उसके एजेंडे में नहीं है। इसलिए वह इस मसले पर अब कश्मीरी पंडितों से कोई चर्चा नहीं करती है। इससे कश्मीरी पंडितों में निराशा का माहौल बन गया है। शादीलाल पंडिता ने कहा कि भाजपा ने सत्ता प्राप्ति के लिए कश्मीरी पंडितों का इस्तेमाल किया। जिन्हें घर जाना है, उनसे बातचीत का सिलसिला शुरू करे सरकार: रैना पनुन कश्मीर के प्रधान वीरेंद्र रैना का कहना है कि घाटी वापसी को लेकर कश्मीरी पंडितों की आस पूरी तरह अभी नहीं टूटी है। हमें सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी कराएगी, लेकिन यह सपना तो तभी पूरा होगा जब सरकार प्रक्रिया आरंभ करे। सबसे पहले तो उन कश्मीरी पंडितों के साथ बातचीत होनी चाहिए जिनको घर जाना है। अभी तक कोई बातचीत का सिलसिला नहीं शुरू किया गया। इसीलिए ऐसा लगता है कि सरकार अब कश्मीरी पंडितों को लेकर गंभीर नहीं है।

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