Kashmiri Pandit: कश्मीरी पंडितों के घरों में नवरेह पर सजेंगे थाल, आज शाम शुरू हो जाएंगी तैयारियां
मगर आज वे अपने घरों से उजड़े हुए हैं और विस्थापित शिविरों में रह रहे हैं। कश्मीरी पंडित घाटी में बसना चाहता है और अपनी संस्कृति से जुड़ना चाहता है। लेेकिन केंद्र सरकार अभी तक कोई योजना नही बना पाई है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: नवरेह (नये साल का आगाज) कश्मीरी पंडितों में बड़े खास तरीके से मनाया जाता है। वैसे नवरेह मंगलवार को है लेकिन आज शाम से ही कश्मीरी पंडित इसकी तैयारियों में जुट जाएंगे। कश्मीरी पंडित समाज में पूजा अर्चना करके नए साल का स्वागत किया जाता है।
जगटी में कश्मीरी पंडित कालोनी के नेता शादी लाल पंडिता का कहना है कि नवरेह कश्मीरी पंडितों में बड़ा ही महत्वपूर्ण दिन है। आज शाम को ही कश्मीरी पंडित थाली में देवी मां की फोटो रखेंगे और इसके साथ ही विभिन्न सामग्री से थाल सजाएंगे।
थाल में दूध,चावल, अखरोट, रोटी, नमक की थौली, फूल, दही, जंतरी आदि रखा जाता है और पूजा अर्चना की जाती है। फिर अगले दिन नवरेह पर इस थाल के दर्शन कर ही कश्मीरी पंडित नये साल में अपने काम काज को आगे बढ़ाता है।
बाद में अखरोट नदी में बहाए जाते हैं और लोगों की खुशहाली के लिए कामना की जाती है। शादी लाल पंडिता का कहना है कि जब वे कश्मीर घाटी में रहते थे तो नवरेह का मजा ही कुछ और था। मगर आज वे अपने घरों से उजड़े हुए हैं और विस्थापित शिविरों में रह रहे हैं। कश्मीरी पंडित घाटी में बसना चाहता है और अपनी संस्कृति से जुड़ना चाहता है। लेकिन केंद्र सरकार अभी तक कोई योजना नही बना पाई है।
इससे कश्मीरी पंडित हताश से हैं। लेकिन हमें पूरा यकीन है कि देवी मां कश्मीरी पंडितों की आवाज को जरूर सुनेगी और घाटी वापसी का रास्ता जरूर निकालेगी। घाटी वापिस जाना कश्मीरी पंडितों की प्राथमिकता है।