कश्मीर पुलिस ने सात मिनटों में किया तीन आतंकियों का काम तमाम, सिख प्रधानाचार्य और हिंदू शिक्षक की हत्या में थे शामिल

मेहरान के मारे जाने की खबर फैलते ही डाउन-टाउन के विभिन्न हिस्सों में तनाव फैला गया। मुठभेड़स्थल पर कुछ लोगों ने आतंकियों के मारे जाने के बाद भड़काउ नारेबाजी भी की। सी-श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध मेहरान का पूरा नाम मेहरान यासीन शाला है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 08:52 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 08:52 AM (IST)
कश्मीर पुलिस ने सात मिनटों में किया तीन आतंकियों का काम तमाम, सिख प्रधानाचार्य और हिंदू शिक्षक की हत्या में थे शामिल
मेहरान डाउन-टाउन में सक्रिय तथाकथित स्थानीय गुंडों के एक गिरोह गुज्जर गैंग में भी शामिल था।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पुलिस ने आतंक का पर्याय बने टीआरएफ के एक स्वयंभू एरिया कमांडर मेहरान को उसके दो साथियों समेत बुधवार रात को लालचौक से करीब तीन किलोमीटर दूर रामबाग में एक संक्षिप्त मुठभेड़ में मार गिराया। मेहरान ने ही बीते माह दो गैर मुस्लिम अध्यापकों को स्कूल परिसर में अपने साथियों संग मौत के घाट उतारा था। 

इस बीच मेहरान के मारे जाने की खबर फैलते ही डाउन-टाउन के विभिन्न हिस्सों में तनाव फैला गया। मुठभेड़स्थल पर कुछ लोगों ने आतंकियों के मारे जाने के बाद भड़काउ नारेबाजी भी की। सी-श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध मेहरान का पूरा नाम मेहरान यासीन शाला है और वह डाउन-टाउन में कनीमजार जमालट्टा इलाके का रहने वाला है। पांच लाख का इनामी मेहरान इसी साल 18 मई को आतंकी बना था। वह लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्क्वाड टीआरएफ का एरिया कमांडर था। उसे टीआरएफ के आपरेशनल चीफ कमांडर अब्बास शेख ने अपने डिप्टी साकिब की मदद से भर्ती किया था। अब्बास औार साकिब दोनों ही 23 अगस्त को अलूचीबाग में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। जिस जगह मेहरान मारा गया है और जहां अब्बास मारा गया था, दोनों मुठभेड़स्थलों की आपस में लगभग एक किलोमीटर की दूरी है।

टीआरएफ में सक्रिय होने से पहले मेहरान डाउन-टाउन में सक्रिय तथाकथित स्थानीय गुंडों के एक गिरोह गुज्जर गैंग में भी शामिल था। मेहरान ने ही अपने तीन अन्य साथियों संग मिलकर सात अक्टूबर को संगम ईदगाह स्थित एक सरकारी स्कूल में दो गैर मुस्लिम अध्यापकों सुपिन्दर कौर और दीपक चंद की हत्या की थी। इस वारदात को अंजाम देने आए आतंकियों में एक विदेशी आतंकी भी था। दो अध्यापकों की हत्या की जांच के दौरान पुलिस को मेहरान के बारे में पता चला था। पुलिस शहर में स्थित उसके सभी संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही थी। उससे जुड़े उसके सभी संदिग्ध दोस्तों के अलावा आतंकियों के विभिन्न ओवरग्राउंड वर्करों की गतिविधियों की लगातार निगरानी की जा रही थी। इलेक्ट्रानिक सर्वेलांस का भी सहारा लिया गया।

बीते सप्ताह पकड़े गए टीआरएफ के एक तीन सदस्यीय माडयूल से भी उसके बारे में कुछ सुराग मिले थे। कल दोपहर बाद पुलिस को अपने तंत्र से पता चला कि मेहरान अपने कुछ साथियों संग रामबाग इलाके में एक कार में घूम रहा है। खबर पक्की थी और आतंकियों या उनके समर्थकों को संदेह न हो,इसलिए पुलिस ने कोई नया नाका नहीं लगाया बल्कि वहां सामान्य दिनों की तरह ही पुलिस दल को तैनात रखा गया। अलबत्ता तैनात पुलिस दल में जम्मू कश्मीर पुलिस विशेष अभियान दल के सदस्य थे। आतंकी कथित तौर पर नीले रंग की कार में सवार थे। यह कार जैसे ही रामबाग इलाके में एयरपोर्ट की तरफ जाने वाली सड़क पर मुड़ने लगी तो पुलिस दल ने कार को रोकने का प्रयास किया।

खुद को फंसते देख आतंकियों ने जैसे ही गोली चलाने का प्रयास किया, पहले से तैयार बैठे पुलिस दल ने त्वरित कार्रवाई कर तीनों आतंकियों को वहीं पर ढेर कर दिया। करीब पांच से सात मिनट में यह पूरा अभियान समाप्त हो गया। मेहरान के साथ मारे गए अन्य दो आतंकियों में एक का नाम अराफात और दूसरे का नाम मंजूर बताया जा रहा है। अलबत्ता, पुलिस ने उनकी पहचान की अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है। आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने मेहरान के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि छह माह से सक्रिय मेहरान ने श्रीनगर शहर में दो गैर मुस्लिम अध्यापकों समेत करीब पांच नागरिकों की हत्या में सक्रिय भूमिका निभाई है। उसकी मौत श्रीनगर में सक्रिय आतंकियों व उनके समर्थकों के लिए एक बड़ा धक्का है। साकिब और अब्बास के मारे जाने के बाद वह श्रीनगर में टीआरएफ की गतिविधियों का संचालन कर रहा था। उसके साथ मारे गए अन्य दो आतंकियों की पहचान की पुष्टि की जा रही है। 

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