Militancy in Kashmir: बांडीपोरा से लश्कर का सक्रिय आतंकी गिरफ्तार, पूछताछ की जा रही
सुरक्षाबलों का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाया गया है। आतंकवाद प्रभावित इलाकों में गश्त व सर्च ऑपरेशन बढ़ाए गए हैं।
श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफा ने संयुक्त अभियान चलाकर जिला बांडीपोरा के हाजिन इलाके से लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन के सक्रिय आतंकवादी को गिरफ्तार किया है। हंदवाड़ा का रहने वाला यह स्थानीय आतंकवादी काफी देर से बांडीपोरा में सक्रिय था। पुलिस ने इसके कब्जे से हथियार भी बरामद किए हैं। उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने दावा किया है कि पूछताछ के आधार पर जिले में और छापामारी व गिरफ्तारियां की जाएंगी।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार उन्हें कुछ विश्वसनीय सूत्रों से लगातार यह जानकारी मिल रही थी कि आतंकवादी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। सूचना के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी, सेना की 13आरआर, 32 आरआर और सीआरपीएफ की 92 बटालियन के जवान जांच में जुट गई। जिला बांडीपोरा में जांच के दौरान खुफिया तंत्रों ने यह बताया कि लश्कर का एक आतंकी इलाके में काफी सक्रिय है। सुरक्षाबलों ने योजनाबद्ध तरीके से इलाके में छापामारी शुरू की और अभियान को सफलता उस समय मिली जब उन्होंने एक ठिकाने से लश्कर के आतंकी आकिब अहमद राथर उफ जाना पुत्र गुलाम मोहम्मद राथर निवासी शाहीपोरा हंदवाड़ा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि आकिब इसी साल जून में लश्कर में शामिल हुआ था।
उन्होंने यह भी बताया कि आतंकी के कब्जे से संगठन से संबंधित सामग्री के साथ हथियार व गोलाबारूद भी बरामद हुए हैं। करालगुुंड पुलिस स्टेशन में आतंकी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। यही नहीं उससे इस संबंध में भी पूछताछ की जा रही है कि आतंकी संगठन किस तरह की वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। वहीं सुरक्षाबलों का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाया गया है। आतंकवाद प्रभावित इलाकों में गश्त व सर्च ऑपरेशन बढ़ाए गए हैं। आतंकवादी आने वाले दिनों में किसी भी वारदात को अंजाम न दे सकें इसके लिए सूचना तंत्रों को भी सचेत कर दिया गया है।
जम्मू-श्रीनगन और श्रीनगर-लेह हाइवे पर नाके बढ़ा दिए गए हैं। शहर के भीतरी इलाकों में भी सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है। संदिग्ध देखे जाने की सूचना मिलते ही सर्च अभियान चलाया जाता है। आतंकवादियों के साथ उनके सहयोगी ओवरग्राउंड वर्कर नेटवर्क का भी लगातार पता लगाया जा रहा है।