Jammu Kashmir :साइकिलिस्ट आदिल को गिनीज बुक में मिली जगह, आठ दिन में कश्मीर से कन्याकुमारी का सफर पूरा कर बनाया रिकार्ड

Jammu Kashmir मैंने साइकिलिंग में ही अपना कैरियर बनाने का प्रयास किया और मेहनत करता रहा। उसने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा शुरू करने से करीब एक साल पहले इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। पंजाब में भी ट्रेनिंग की।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 11:27 AM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 11:29 AM (IST)
Jammu Kashmir :साइकिलिस्ट आदिल को गिनीज बुक में मिली जगह, आठ दिन में कश्मीर से कन्याकुमारी का सफर पूरा कर बनाया रिकार्ड
जिस समय श्रीनगर से यात्रा शुरू की थी, उस समय बारिश हो रही थी।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कश्मीर से कन्याकुमारी तक 3600 किलोमीटर की दूरी को अपने साइकिल पर आठ दिनों में पूरी करने वाले आदिल तेली को अंतत: गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में जगह मिल गई है। यह उपलब्धि पाने वाला 23 वर्षीय आदिल तेली जम्मू कश्मीर का पहला साइकिलिस्ट है।

बडग़ाम जिले के आदिल ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा आठ दिन, एक घंटा और 37 मिनट में पूरी की थी। इससे पूर्व यह रिकार्ड ओम महाजन के नाम था। ओम महाजन ने यह दूरी आठ दिन, सात घंटेे और 39 मिनट में पूरी की थी।

वर्ष 2013 में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर जम्मू कश्मीर का साइकिलिंग प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व कर चर्चा में आए आदिल तेली ने 22 मार्च, 2021 को लालचौक में घंटाघर से कश्मीर से कन्याकुमारी तक का अपना मिशन शुरू किया था। तेली ने कहा कि कश्मीर में साइकिलिंग संंबंधी सुविधाओं को अभाव है, लेकिन मैंनेे अपना प्रयास जारी रखा।

मैंने साइकिलिंग में ही अपना कैरियर बनाने का प्रयास किया और मेहनत करता रहा। उसने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा शुरू करने से करीब एक साल पहले इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। मैंने यात्रा शुरू करने से पहले 6 महीने के लिए अमृतसर, पंजाब में प्रशिक्षण लिया था। मैं इस रिकॉर्ड के लिए वहां कड़ी मेहनत करता था। कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर आसान नहीं था। राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई तरह की चुनौतियां होती हैं। जिस समय श्रीनगर से यात्रा शुरू की थी, उस समय बारिश हो रही थी।

उन्होंने जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन और सीआरपीएफ का आभार व्यक्त किया। प्रदेश सरकार ने नवयुग सुरंग से गुजरने की मुझे इजाजत दी। जब मैं श्रीनगर से रवाना हुआ तो उस समय मेरी मां की आंखों में आंसू थे। इन आंसुओं ने भी मुझे यह रिकार्ड बनाने का हौसला दिया। मुझे खुशी है कि मेरी मेहनत का फल मुझे मिला और मेरा नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हो गया।

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