Karwa Chauth 2021 : रविवार को है करवाचौथ व्रत, शुभ मुहूर्त में करें पूजन; 8:07 बजे होंगे चंद्र दर्शन

Karwa Chauth 2021 सुहागिन महिलायें अपने सुहाग की रक्षा के लिए उपवास रखने के बाद आसमान के चमकते चांद का दिदार कर अपने पति के हाथों से निवाला खाकर अपना उपवास खोलती हैं। करवाचौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से पहले ही 4 बजे के बाद शुरु हो जाता है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:49 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:49 AM (IST)
Karwa Chauth 2021 : रविवार को है करवाचौथ व्रत, शुभ मुहूर्त में करें पूजन; 8:07 बजे होंगे चंद्र दर्शन
महिलाओं में ये त्योहार बहुत ही प्रचलित होता है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : करवाचौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। इस वर्ष करवाचौथ का व्रत 24 अक्टूबर रविवार को है। करवाचौथ का उपवास सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत अधिक विशेष महत्व रखता है। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं और उनका गृहस्थ जीवन सुखध रहे, इसके लिए व्रत करती हैं। पूरे भारत में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन उत्तर भारत खासकर जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश आदि में तो इस त्योहार की अलग ही रौनक देखने को मिलती है। चांद देखने के बाद ही महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। इस दिन कुंवारी कन्याएं एवं जिनकी सगाई हो गई हो वह भीव्रत रखती हैं।

सुहागिन महिलायें अपने सुहाग की रक्षा के लिए उपवास रखने के बाद आसमान के चमकते चांद का दिदार कर अपने पति के हाथों से निवाला खाकर अपना उपवास खोलती हैं। करवाचौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से पहले ही 4 बजे के बाद शुरु हो जाता है।रात को चंद्रदर्शन के बाद ही व्रत को खोला जाता है। इस दिन श्री गणेश भगवान शिव, माता पार्वती, स्वामी कार्तिकेय और चंद्रदेव की पूजा अर्चना की जाती है। करवाचौथ व्रत की कथा सुनी जाती है। सामान्यत: विवाह के बाद 12 या 16 साल तक लगातार इस उपवास को किया जाता है लेकिन इच्छानुसार जीवनभर भी विवाहिताएं इस व्रत को रख सकती हैं। अपने पति की लंबी उम्र के लिए इससे श्रेष्ठ कोई उपवास अथवा व्रत आदि नहीं है। इस दिन महिलाएं श्रृंगार करके पूजा करने जाती हैं। फिर आकर घर के बड़ों का आशीर्वाद लेती हैं। महिलाओं में ये त्योहार बहुत ही प्रचलित होता है।

श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ने मुहूर्त को लेकर बताया कि सनातन धर्म में व्रत, पर्वो एवं त्योहारों की मान्यता बहुत अधिक है।पंचांग के अनुसार इस वर्ष कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का 24 अक्टूबर रविवार को प्रात: 03 बजकर 02 मिनट पर शरू होगी। चतुर्थी तिथि का समापन अगले दिन 25 अक्टूबर सोमवार को प्रात: 05 बजकर 44 मिनट पर हो रहा है। चन्द्रोदयव्यापिनी कार्तिक मास के कृष्ण चतुर्थी तिथि 24 अक्टूबर रविवार को प्राप्त हो रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर रविवार को रखा जाएगा।

करवाचौथ पूजन शुभ मुहूर्त

24 अक्टूबर रविवार शाम 6 बजकर 05 मिनट से उसी शाम 7 बजकर 05 मिनट के बीच करवाचौथ का पूजन करना सबसे कल्याणकारी होगा।

चंद्र दर्शन का समय इस प्रकार है जम्मू में 24 अक्टूबर को चंद्र दर्शन रात करीब 8 बजकर 07 मिनट पर होंगे।

करवाचौथ व्रत कैसे शुरू करें : करवा चौथ व्रत के दिन व्रती सुबह जल्दी उठ कर शुद्ध जल से स्नान करें घर में पूजा स्थान या घर में कोई पवित्र स्थान में गंगाजल का अभिषेक कर के शुद्ध आसन पर बैठ कर आत्म पूजा करए यह संकल्प करें श् मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्येश् संकल्प बोलकर करवा चौथ के व्रत को शुरू करे।

पूजन के बाद क्या करें : इस दिन सुबह उषाकाल पूजन कर सबसे पहले कुछ खाना तथा पीना चाहिए। जम्मू कश्मीर में उषाकाल से पहले सरगी में फैनीएकतलमेए नारियलए दूधए रबड़ीए मीठी कचौरी का खाने प्रचलन है। इस मिश्रण के सेवन से पूरे दिन बिना पानी पीये रहने में मदद मिलती है।

करवाचौथ पूजन व्रत विधि : रविवार 24 अक्टूबर शाम 06 बजकर 05 मिनट से 07 बजकर 05 मिनट के बीच दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। नहीं तो आज कल मार्किट से भी चित्र मिलते हैं। आठ पूरियों की अठावरी बनाएं। मीठा और साथ में अलग-अलग तरह के पकवान बनाए। गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी मैया का श्रृंगार करें। जल से भरा हुआ लोटा रखें करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें रोली से करवा पर स्वास्तिक बनाएं श्री गणेश, भगवान शिव, माता पार्वती, स्वामी कार्तिकेय और चंद्रदेव और चित्रित करवा की विधि अनुसार पूजा करें। 

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