Karwa Chauth 2020: करवा चौथ पर बाजारों में दिख रही रौनक, जानिए आज कब दिखेगा चांद
पुराने शहर के राज तिलक रोड पुरानी मंडी पटेल बाजार व साथ लगते इलाकों में सुबह से ही रौनक नजर आ रही है। जहां-जहां भी नजर जा रही है महिलाएं करवा चौथ के लिए सामान खरीदते या फिर सजती-सवरती नजर आ रही है।
जम्मू, जेएनएन। करवा चौथ पर जम्मू के बाजारों में जबरदस्त रौनक दिख रही है। पर्व को लेकर जहां महिलाओं में सजने-संवरने के लिए उत्साह देखा जा रहा है, वहीं खरीदारी के लिए भी बाजारों में भारी भीड़ जुटी हुई है। कोई चुड़ियां खरीदने में व्यस्त दिख रहा है तो कई महंदी लगाने के लिए इंतजार में खड़ी हैं। पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखने के बाद भी बाजारों में पहुंची ये महिलाएं शाम की विशेष पूजा के लिए भी सामान जुटाती हुई नजर आईं।
पुराने शहर के राज तिलक रोड, पुरानी मंडी, पटेल बाजार व साथ लगते इलाकों में सुबह से ही रौनक नजर आ रही है। जहां-जहां भी नजर जा रही है, महिलाएं करवा चौथ के लिए सामान खरीदते या फिर सजती-सवरती नजर आ रही है। कोरोमारी की मार झेल चुके दुकानदार भी गुलजार हुए बाजार को देख खुश दिख रहे हैं। उन्हें लग रहा था कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप का असर करवा चौथ व उसके बाद आने वाले त्यौहारों पर देखने को मिलेगा परंतु पिछले एक सप्ताह से बाजारों में जिस कदर खरीददारी हुई, उसे देख अब उनमें इस बात को लेकर भी उत्साह है कि धनतेरस, दिवाली पर भी बाजारों में इसी तरह गहमा-गहमी रहेगी।
पर्व के अंतिम दिन भी बाजारों में कपड़ों, आर्टिफिशल ज्यूलरी, कपड़ों आदि की जमकर खरीददारी हुई। ब्यूटी पॉर्लर भी फुल रहे। हालांकि वहां भी कोरोना को प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा था। वेटिंग हॉल में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बैठाने की व्यवस्था रखी गई थी। हालांकि महिलाएं बुकिंग के अनुसार ही पहुंच रही हैं। शाम की पूजा के लिए भी महिलाओं को खरीददारी करते हुए देखा जा रहा है। मिट्टी से बने डिजाइनर करवा महिलाओं को काफी पसंद आ रहे हैं।
करवाचौथ पूजन का शुभ मुहूर्त : शाम 6.10 बजे से शाम 7.15 बजे तक।
चंद्र दर्शन का समय: रात करीब 8.12 बजे पर होंगे।
करवाचौथ पूजन व्रत विधि: शाम 6.10 बजे से 7.15 बजे के बीच दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। नहीं तो आज कल मार्किट से भी चित्र मिलते हैं। आठ पूरियों की अठावरी बनाएं। मीठा और साथ में अलग-अलग तरह के पकवान बनाये। गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं, बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी मैया का श्रृंगार करें। जल से भरा हुआ लोटा रखें करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें रोली से करवा पर स्वास्तिक बनाएं। श्री गणेश, भगवान शिव, माता पार्वती, स्वामी कार्तिकेय और चंद्रदेव और चित्रित करवा की विधि अनुसार पूजा करें।