Jyeshtha Purnima Vrat 2021: वीरवार को है ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, धार्मिक स्थलों पर लगेंगे मेले
Jyeshtha Purnima Vrat 2021 इस दिन तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है।इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। कोरोना महामारी के चलते एवं वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हमे घर रहकर ही अपने त्योहारों को मनाना चाहिए।
जम्मू, जागरण संवाददाता : पूर्णिमा सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है।इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप श्री सत्यनारायण जी का पूजन किया जाता है।भगवान श्री सत्यनारायण जी की कथा पढ़ना अथवा सुनना या पूजा करवाना बेहद शुभ होता है।पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान श्रीगणेश जी, माता पार्वती, भगवान शिव और चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा गुरुवार को पड़ने के कारण इसका और भी महत्व बढ़ जाता है क्योंकि गुरुवार और पूर्णिमा तिथि दोनों ही भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं। इस वर्ष 24 जून गुरुवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा है और ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का पारण 25 जून शुक्रवार को होगा।गुरुवार 24 जून सुबह 06 बजकर 05 मिनट तक शुभ योग रहेगा। इसके बाद शुक्ल योग आरंभ हो जाएगा। यह योग सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। इन योगों में किए गए शुभ कार्यों में सफलता मिलती है।ज्येष्ठ पूर्णिमा को बहुत से बिरादियों की उनके देवी देवताओं, कुल दातियों के स्थानों पर मेल लगेंगी। लोग नया अनाज अपने कुल देवताओं के चढ़ाने के बाद ही इस अनाज को खाना शुरू करते हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए।इसके शरीर पर ही नहीं।आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।इस दिन सात्विक चीजों का सेवन किया जाता है।
इस दिन तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है।इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। कोरोना महामारी के चलते एवं वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हमे घर रहकर ही अपने त्योहारों को मनाना चाहिए।आप घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर स्नान कर सकते हैं। ऐसे में आप घर पर रहकर ही पूर्णिमा की पूजा करें।धर्मग्रंथों के अनुसार इस दिन सच्चे मन से व्रत करने से गरीबी दूर होती है और घर में सुख समृद्धि आती है।
इस दिन व्रती को जल से भरे घड़े सहित पकवान आदि भी किसी जरूरतमंद को दान करने चाहिये। स्वर्णदान का भी इस दिन काफी महत्व माना जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए। रात्रि के समय दीप, धूप, पुष्प, अन्न, गुड़ आदि से पूर्ण चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए और जल अर्पित करना चाहिए। तत्पश्चात किसी योग्य ब्राह्मण को जल से भरा घड़ा दान करना चाहिए। ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद को भोजन करवाने के पश्चात ही स्वयं अन्न ग्रहण करना चाहिए। इस दिन किए गए अच्छे कार्यों से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन चंद्र पूजा और व्रत करने से चंद्रमा मजबूत होता है। मानसिक और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।