Jammu Kashmir : बाल आश्रमों, एनजीओ व नारी निकेतन की जांच करेंगी संयुक्त समितियां

जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद इन संस्थान का दोबारा पंजीकरण किया जा रहा है और अब तक मात्र एक हजार का पंजीकरण हो पाया है। मुख्य सचिव ने सभी संस्थाओं का पंजीकरण 15 दिन में पूरा करने का आदेश दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 08:41 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 08:41 AM (IST)
Jammu Kashmir : बाल आश्रमों, एनजीओ व नारी निकेतन की जांच करेंगी संयुक्त समितियां
समाज कल्याण विभाग को पहले से सक्रिय संगठनों की सूची पुलिस के साथ साझा करने का निर्देश दिया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कश्मीर में कोरोना से बेसहारा हुए बच्चों को बेचने का स्टिंग सामने आने से प्रदेश प्रशासन में हलचल है। आनन-फानन में मुख्य सचिव अरुण मेहता ने उच्च स्तरीय बैठक में नारी आश्रमों, बाल आश्रमों, गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठनों, ट्रस्ट और अनाथालयों का रिकार्ड जांचने के आदेश दिए हैं।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस जांच प्रक्रिया को गंभीरता से लेने के सख्त निर्देश देते हुए इसके लिए समाज कल्याण, शिक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमों का गठन किया जाएगा। इनमें मजिस्ट्रेट भी शामिल रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कोविड में अनाथ हुए बच्चों के कल्याण योजनाओं पर भी रिपोर्ट तलब की। सभी पुलिस स्टेशनों को अपने क्षेत्र में सक्रिय ऐसे संगठनों का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

छह हजार एनजीओ सक्रिय समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के अनुसार जम्मू कश्मीर में महिला और बाल कल्याण के क्षेत्र में काम के लिए छह हजार एनजीओ सक्रिय हैं। जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद इन संस्थान का दोबारा पंजीकरण किया जा रहा है और अब तक मात्र एक हजार का पंजीकरण हो पाया है। मुख्य सचिव ने सभी संस्थाओं का पंजीकरण 15 दिन में पूरा करने का आदेश दिया। उन्होंने समाज कल्याण विभाग को पहले से सक्रिय संगठनों की सूची पुलिस के साथ साझा करने का निर्देश दिया है।

15 दिन में बच्चों के अस्पतालों की हो जांच : मुख्य सचिव ने समाज कल्याण विभाग को स्वास्थ्य विभाग के परामर्श के साथ पूरे प्रदेश में बच्चों के अस्पतालों, प्रसूति गृहों और अस्पताल के नवजात केंद्रों की अगले 15 दिन में जांच पूरी करने के आदेश दिए।

सौंदर्य प्रतियोगिताओं के आयोजकों पर भी रहेगी नजर : बच्चों और महिलाओं की तस्करी के मामलों की ट्रैकिंग के लिए गृह विभाग को साइबर निगरानी सुनिश्चित बनाने के आदेश दिए। उन्होंने प्लेसमेंट एजेंसियों, प्रतिभा खोज कार्यक्रमों, सौंदर्य प्रतियोगिता, एस्कार्ट सेवाओं के लिए युवा लड़कियों और लड़कों की तलाश करने वाले संगठनों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया। 

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