Jammu: तीसरी आंख की नजरों में रहेंगे जम्मू नगर निगम के वाहन, निगम स्थापित करेगा अपना कंट्रोल रूम
नगर निगम ने पिछले साल इंडियन आयल कॉरपोरेशन से ठेका किया था। कंपनी जीपीएस के आधार पर वाहनों को तेल देती थी। इससे निगम को करीब पचास प्रतिशत खर्च में फर्क पड़ गया था। हर महीने निगम के वाहनों में लाखों रुपये का तेल खर्च होता है।
जम्मू, अंचल सिंह: जम्मू नगर निगम एक ऐसा कंट्रोल रूम स्थापित करने जा रहा है जिससे वह अपने सारे वाहनों पर नजर रखेगा। निगम सभी वाहनों में जीपीएस और जीपीआरएस पर आधारित ऑटोमैटिक व्हीकल लोकेशन सिस्टम (एवीएलएस) लगाने जा रहा है। इससे निगम के हरेक वाहन की लोकेशन कंप्यूटर पर दिख सकेगी। इतना ही नहीं वाहन कितने किलोमीटर चला और किस क्षेत्र में चला, की जानकारी भी कंप्यूटर दर्ज कर लेगा। इससे निगम वाहनों में तेल की खपत और हेराफेरी को रोक पाएगा।
जम्मू नगर निगम टाउन हाल में यह कंट्रोल रूम स्थापित करने जा रहा है। इस कंट्रोल रूम के बनाने के साथ अपने सभी वाहनों में एवीएलएस लगा दिए जाएंगे। करीब 17 लाख रुपये की लागत से यह सिस्टम वाहनों में लगाने की तैयारी की गई है। इसके लिए निगम ने निविदाएं भी आमंत्रित कर ली हैं। इसी महीने सबसे कम बिड देने वाले ठेकेदार को यह ठेका दे दिया जाएगा। उसके बाद वाहनों में जीपीएस लगा दिए जाएंगे। साथ ही कंट्रोल रूम भी काम करना शुरू कर देगा। निगम एक साफ्टवेयर के माध्यम से इन वाहनों पर नजर रखेगा।
अगस्त में समाप्त हो रहा आईओसी से कंट्रेक्ट
नगर निगम ने पिछले साल इंडियन आयल कॉरपोरेशन से ठेका किया था। कंपनी जीपीएस के आधार पर वाहनों को तेल देती थी। इससे निगम को करीब पचास प्रतिशत खर्च में फर्क पड़ गया था। हर महीने निगम के वाहनों में लाखों रुपये का तेल खर्च होता है। इसमें हेराफेरी की शिकायतों के मद्देनजर जम्मू नगर निगम की जनरल हाउस ने फैसला लिया था कि सभी वाहनों में जीपीएस लगा दिए जाएं। आईओसी से हुआ यह कंट्रेक्ट पहली अगस्त को समाप्त हो रहा है। उसके बाद निगम अपना कंट्रोल रूम स्थापित कर अपनी देखरेख में पूरा काम करेगा। जनवरी माह में वाहनों में पेट्रोल पर 43,27,647 रुपये और फरवरी माह में 39,94,871 रुपये खर्च हुए।
यह है निगम के वाहनों को वेडा
वाहन का नाम संख्या ऑन-रोड
क्या कहते हैं अधिकारी ‘आईओसी से कंट्रेक्ट पहली अगस्त को समाप्त हो रहा है। इसलिए अब अपना कंट्रोल रूम स्थापित कर वाहनों में अपने जीपीएस सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे काफी लाभ होगा। वाहनों पर कंट्रोल रूम से नजर रखी जा सकेगी। इतना ही नहीं कंप्यूटर स्वयं बता देगा कि कौन सा वाहन कितने किलोमीटर चला है। उसी के हिसाब से तेल भी जारी किया जाता है। व्यवस्था में पारदर्शिता होगी और गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी।’ -हरविंद्र सिंह, चीफ ट्रांसपोर्ट आफिसर, जम्मू नगर निगम ‘जम्मू नगर निगम से लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं। कंप्यूटराइज्ड व्यवस्था बनाने का मकसद पारदिर्शता लाना है ताकि गड़बड़ी न हो और लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलें। जनरल हाउस में फैसला लेने के बाद पिछले साल से ही जीपीएस व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब अपने कंट्रोल रूम से निगम स्वयं कामकाज की देखरेख करेगा। हमारा मकसद स्मार्ट जम्मू सिटी बनाना है। इस दिशा में हर संभव कदम उठाएंगे।’ -चंद्र मोहन गुप्ता, मेयर, जम्मू