Jammu Kashmir: डिजीलॉकर में जमा होगा रिकार्ड, मार्क्सशीट-माइग्रेशन के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे बोर्ड के चक्कर
Digitisation of JKBOSE जम्मू-कश्मीर शिक्षा बोर्ड की सचिव वीना पंडिता का कहना है कि इस सुविधा के शुरू होने से बच्चों को बहुत सुविधा होगी। उनका समय बचेगा और वे घर बैठे ही अपने दस्तावेज हासिल कर पाएंगे। बोर्ड बच्चों का डाटाबेस तैयार कर रहा है।
जम्मू, सुरेंद्र सिंह: डिजीटलाइजेशन के इस युग में जम्मू कश्मीर शिक्षा बोर्ड भी खुद को बदलने जा रहा है। बच्चोें को मार्क्सशीट व माइग्रेशन हासिल करने जैसे छोटे छोटे कामों के लिए बच्चों को बोर्ड कार्यालय के चक्कर न काटने पड़े, इसके लिए बोर्ड ने उन्हें डिजीलॉकर की सुविधा देने का फैसले किया है जिसकी मदद से बच्चे घर बैठे ही मार्क्सशीट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे।
इस डिजीलॉकर के साथ बोर्ड बच्चों के आधार नंबर को लिंक करेगा। आधार नंबर उनके डिजीलॉकर का लाॅगिन का काम करेगा जबकि बच्चे खुद का पासवर्ड रखकर डिजीलॉकर को खोल सकते हैं और वहां से अपनी मार्क्सशीट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट को डाउनलोड कर सकते हैं। बाेर्ड ने डिजीलॉकर सुविधा शुरू करने की तैयारी कर ली है और उम्मीद है कि अगले शिक्षा सत्र में यह काम करने लगेगा।
जम्मू-कश्मीर शिक्षा बोर्ड की सचिव वीना पंडिता का कहना है कि इस सुविधा के शुरू होने से बच्चों को बहुत सुविधा होगी। उनका समय बचेगा और वे घर बैठे ही अपने दस्तावेज हासिल कर पाएंगे। बोर्ड बच्चों का डाटाबेस तैयार कर रहा है। डिजीलॉकर सुविधा को शुरू करने के लिए जम्मू कश्मीर शिक्षा बोर्ड ने भारत सरकार से मान्यता प्राप्त एजेंसी नेशनल अकेडमी डिपॉजटरी के साथ करार किया है। एजेंसी ने अपना काम शुरू कर दिया है। हालांकि कोरोना के चलते काम में बाधा आई है लेकिन अब इसे पूरा किया जा रहा है।
क्या है डिजीलॉकर: डिजीलॉकर एक डिजीटल लॉकर है जिसमें आप अपने दस्तावेजों को डाउनलोड कर रख सकते हैं। यह आधार या आपके फोन नंबर के साथ लिंक हो सकता है। इस लाॅकर में अपने दस्तावेज रखकर आप उन्हें अपने साथ उठाकर घूमने से बच सकते हैं। जरूरत पड़ने पर उन दस्तावेजों को आप कहीं भी खोल कर दिखा सकते हैं या उन्हें डाउनलोड कर प्रिंट निकलवा सकते हैं। डिजीलॉकर में स्कैन कर दस्तावेजों को रखा जाता है।