अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र से मिलेगा व्यापार का बढ़ावा

श्रीनगर में केंद्र का उद्घाटन करने के बाद उपराज्यपाल ने कहा कि इसे स्थापित करना मौजूदा समय की जरूरत थी क्योंकि वैश्वीकरण के युग में व्यापार की सीमाएं नहीं रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 04:11 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 04:11 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र से मिलेगा व्यापार का बढ़ावा
अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र से मिलेगा व्यापार का बढ़ावा

राज्य ब्यूरो, जम्मू : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को जम्मू कश्मीर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र का उद्घाटन करने के साथ केंद्र की वेबसाइट को भी लांच किया। इस मौके पर सिन्हा ने कहा कि वैश्वीकरण और उदारीकरण की अर्थव्यवस्था के समय में जम्मू कश्मीर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र खोला जाना काफी अहम है। इस फैसले से जम्मू कश्मीर में घरेलू, अंतरराष्ट्रीय निवेश, व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इसके जरिए निवेशकों के मसलों का समाधान हो सकेगा और निवेशकों में आत्म विश्वास बढ़ेगा।

श्रीनगर में केंद्र का उद्घाटन करने के बाद उपराज्यपाल ने कहा कि इसे स्थापित करना मौजूदा समय की जरूरत थी, क्योंकि वैश्वीकरण के युग में व्यापार की सीमाएं नहीं रही हैं। मसलों का समाधान किए बिना निवेश को बढ़ावा नहीं मिल सकता है। सिन्हा ने कहा कि भारतीय कंपनियां कम समय में मध्यस्थता केंद्र में मुद्दों का समाधान करने में विश्वास रखती हैं। इससे ईज आफ डूईंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। मध्यस्थता को अहम करार देते हुए उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशकों को मध्यस्थता से समस्याओं का समाधान करना अच्छा लगता है। इनके जरिए कम समय में विवादों का समाधान होता है और पैसे भी कम लगते हैं। विशेषज्ञों को मध्यस्थता करने की जिम्मेदारी दी जाती है।

उन्होंने कहा कि न्यायालयों में पहले से ही अधिक बोझ है। मध्यस्थता केंद्र में तकनीकी विशेषज्ञ अपनी सेवाएं देते हैं। मध्यस्थता केंद्र में सेवानिवृत्त न्यायाधीश, इंजीनियर, प्रोफेसर और समाज के विभिन्न वर्गों के विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएंगी। जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार बड़ा निवेश लाने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। इससे न्यायालयों में लंबित मामलों में कमी आएगी और विवादों को दूर करने के लिए मध्यस्थता केंद्र बेहतर विकल्प साबित होगा। इस मौके पर जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने कहा कि मध्यस्थता के बिना कोई समाज कल्पना नहीं कर सकता। जम्मू और श्रीनगर में मध्यस्थता केंद्र विकसित किए जाएंगे। मध्यस्थता केंद्र की चेयरपर्सन न्यायाधीश सिधु शर्मा ने स्वागत भाषण पढ़ा।

उपराज्यपाल ने बजट नियमावली में संशोधन किया

राज्य ब्यूरो, जम्मू : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 की धारा 67 के तहत मिले अधिकारों का प्रयोग करते हुए पूर्व जम्मू कश्मीर की बजट नियमावली में संशोधन किया है। इस संबंध में वित्त विभाग के वित्तीय आयुक्त अरुण कुमार मेहता ने आदेश जारी किया है। इसमें पांच हिस्से होंगे। पहले हिस्से में बजट संबंधित भाषावाली, बजट का परिचय, अहमियत, सरकारी खातों की श्रेणियां, दूसरे हिस्से में बजट की तैयारियां, बजट कैलेंडर, राजस्व प्राप्तियों का अनुमान, राजस्व खातों में खर्च का अनुमान, पूंजी खर्च का अनुमान, नई सेवाओं में बजट का अनुमान, तीसरे हिस्से में बजट का एकत्रीकरण, विधानसभा में बजट को पास करवाना, बजट का वितरण, खर्च पर नियंत्रण, बजट एलोकेशन एस्टीमेशन मनोटिरिग सिस्टम, संशोधित अनुमान, चौथे हिस्से में बजट लागू करने के लिए नकद प्रबंधन, बैंक खाते, संसाधन प्रबंधन और पांचवें हिस्से में पब्लिक प्रबंधन वित्तीय प्रणाली, आपात्तकालीन धनराशि, खर्च की सही श्रेणियां शामिल की गई है।

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