जावेद मुस्तफा मीर का जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन पद से इस्तीफा, यह है इसकी वजह

पूर्व मंत्री जावेद मुस्तफा मीर जिला बडगाम में चाडूरा विधानसभा क्षेत्र से तीन बार पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैें। पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के भंग होने के बाद उन्होेंने महबूबा मुफ्ती के साथ नीतिगत मुद्दों के मतभेद के आधार पर पीडीपी से किनारा कर लिया था।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 07:57 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 07:57 PM (IST)
जावेद मुस्तफा मीर का जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन पद से इस्तीफा, यह है इसकी वजह
जावेद मुस्तफा मीर जिला बडगाम में चाडूरा विधानसभा क्षेत्र से तीन बार पीडीपी के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैें।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पूर्व मंत्री जावेद मुस्तफा मीर ने शनिवार को अचानक ही जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेेंट के चेयरमैन पद से इस्तीफे का एलान कर दिया। उनका यह इस्तीफा कश्मीर की सियासत में खड़ा होने का प्रयास कर रहे न सिर्फ जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के लिए एक झटका है बल्कि अनुच्छेद 370 की बहाली को अपना एजेेंडा बताने वाले गुपकार एलांयस के लिए भी एक बड़ा नुक्सान माना जा रहा है।

पूर्व मंत्री जावेद मुस्तफा मीर जिला बडगाम में चाडूरा विधानसभा क्षेत्र से तीन बार पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैें। पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के भंग होने के बाद उन्होेंने महबूबा मुफ्ती के साथ नीतिगत मुद्दों के मतभेद के आधार पर पीडीपी से किनारा कर लिया था। कुछ समय तक वह पीपुल्स कांफ्रेेस के नेता मौलाना इमरान रजा अंसारी के साथ भी नजर आए। अंसारी भी पहले पीडीपी में ही थे, लेकिन 2018 जून मेे उन्होंने महबूबा मुफ्ती पर अक्षम मुख्यमंत्री होने का आरोप लगाकर पीडीपी छोड़ दी थी। जावेद मुस्तफा मीर ने 2019 की शुरुआत मेे पूर्व नौकरशाह डा शाह फैसल और टुकड़े-टुकड़े गैंग की कार्यकर्ता शेहला रशीद के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नामक संगठन बनाया था। 2020 में शाह फैसल द्वारा सियासत से तौबा किए जाने के बाद जावेद मुस्तफा मीर ने बतौर चेयरमैन जेकेपीएम की कमान संभाली थी। वह भी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ हैं और इसकी पुनर्बहाली के लिए गुपकार एलायंस के साथ जा खड़े हुए।

गुपकार एलायंस का पूरा नाम पीपुल्स एलायंय फार गुपकार डिक्लेरेशन है। नेशनल कांफ्रेेस के अध्यक्ष डा फारुक अब्दुल्ला इसके चेयरमैन और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती इसकी डिप्टी चेयरमैन हैं। जावेद मुस्तफा मीर ने आज सुबह अचानक ही जेकेपीएम के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। उन्होंने कहा कि अब वह जेकेपीएम में नहीं है।

दैनिक जागरण के साथ फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा कि यह इस्तीफा निजी कारणाें से है। इससे ज्यादा कुछ नही है। अब आगे मैं क्या करुंगा, यह अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श के बाद ही तय होगा। इस बीच, जेकेपीएम की सियासत पर नजर रखने वालों ने बताया कि जावेद मुस्तफा मीर खुद को जम्मू कश्मीर में बदले राजनीतिक परिदृश्य में सहज महसूस नहीं कर रहे थे। इसके अलावा वह जेकेपीएम की गतिविधियों को भी नहीं बढ़ा पा रहे थे।

गुपकार एलांयस में भी वह सिर्फ फोटो सेशन तक सीमित थे। अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली के राजनीतिक एजेंडे पर भी उन्हें अागे कुछ खास नजर नहीं आ रहा था, इसीलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है। कश्मीर की राजनीति के जानकारों में शुमार इमरान मीर ने कहा कि जावेद मुस्तफा मीर जेकेपीएम में एक जाना पहचाना चेहरा था,अब वह नहीं है तो जेकेपीएम भी सिर्फ पार्टी कार्यालय और बैनराें तक सीमित हो जाएगी। यह एक तरह से जेकेपीएम के समाप्त होने जैसा ही है। इसके अलावा अगर जावेद मुस्तफा मीर के अलग होने से गुपकार एलांयस भी कमजोर हुआ है। वह इस एलायंस में जेकेपीएम के चेयरमैन की हैसियत से शामिल थे। अब गुपकार एलांयस में चार ही संगठन रह गए हैें। 

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