निर्वासन दिवस: कश्मीरी पंडितों के स्थायी पुनर्वास को लेकर यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज से निकाली स्कूटर रैली

निष्कासन के 31 वर्ष बाद भी घाटी में वापसी नहीं हो पाने को लेकर यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज ने मंगलवार को शहर व बाहरी क्षेत्रों में स्कूटर रैली निकाली और अपने हक की मांग की। निष्कासन के लिए मजबूर करने वाले तत्व आज घाटी में बढ़ फूल रहे हैं

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 06:15 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 06:15 PM (IST)
निर्वासन दिवस: कश्मीरी पंडितों के स्थायी पुनर्वास को लेकर यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज से निकाली स्कूटर रैली
यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज के कार्यकर्ता यूएनओ कार्यालय में अपनी मांगों का ज्ञापन पत्र सौंपने जाते हुए।

जम्मू, जागरण संवाददाता। निष्कासन के 31 वर्ष बाद भी घाटी में वापसी नहीं हो पाने को लेकर यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज ने मंगलवार को शहर व बाहरी क्षेत्रों में स्कूटर रैली निकाली और अपने हक की मांग की। उन्होंने कहा कि निष्कासन के लिए मजबूर करने वाले तत्व आज भी घाटी में बढ़ फूल रहे हैं, इनको हिरासत में लिया जाए। 1990 में आज ही के दिन कश्मीरी पंडितों को बड़े तौर पर घाटी से पलायन करना पड़ा था।

यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज के कार्यकर्ता पहले मुट्ठी क्षेत्र में एकत्र हुए और स्कूटर रैली की शक्ल में शहर की ओर बढ़े। पलौड़ा बख्शीनगर, डोगरा चौक से होते हुए कार्यकर्ता यूएनओ कार्यालय गांधीनगर पहुंचे और यहां पर अपनी मांगों को प्रदर्शन के माध्यम से उजागर किया। बाद में यूएनओ कार्यालय में मांगों का ज्ञापन पत्र भी सौंपा गया। कार्यकर्ता फिर डोगरा चौक पहुंचे और प्रदर्शन करने लगे। कश्मीरी पंडितों ने सरकार के खिलाफ भी नारे भी लगाए।

संजय गंजू ने कहा कि 31 वर्ष हो गए हैं मगर कश्मीरी पंडितों की घर वापसी नहीं हो पाई। आज भी यह कश्मीरी पंडित जम्मू व देश के दूसरे हिस्सों में रह रहे हैं। हालांकि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही कश्मीरी पंडितों में उम्मीदें जगी कि अब उनकी घाटी वापसी होगी और कश्मीरी पंडित अपनी मिट्टी से जुड़ सकेगा लेकिन लंबा अरसा गुजर गया। आज तक कोई योजना हमें नजर नही आई। कश्मीरी पंडित समुदाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत सम्मान करता है। लेकिन इन कश्मीरी पंडितों के हितों की सुरक्षा के बारे में भी सोचा जाना चाहिए। कश्मीरी पंडित घाटी में स्थायी पुनर्वास चाहता है। उसकी इच्छाओं को पूरा किया जाए। वहीं कश्मीर घाटी से जिन लोगों ने हमें पलायन करने के लिए मजबूर किया, वह आज भी खुलेआम घाटी में घूम रहा है। केंद्र सरकार को चाहिए कि इन कसूरवार लोगाें को गिरफ्तार कर जेलों में डाले। मौके पर संजीव कौल, राकेश, विमल रैना, अश्विनी काक,संजय रैना, विनोद भ्साट्ट, अजय पंडित आदि उपस्थित थे।

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