Jammu: जम्मू विश्वविद्यालय को रूसा की दूसरी किश्त का है इंतजार, प्रोजेक्टों की रफ्तार भी धीमी हुई

रूसा के कोआर्डिनेटर प्रो. नरेश पाधा का कहना है कि रूसा के तहत जम्मू विश्वविद्यालय को तरक्की के रास्ते पर ले जाने में मदद मिली है। हमने तेजी के साथ विकास करवाया है। वर्षों से जम्मू विवि के पीजी कोर्सों के पाठ्यक्रमों में बदलाव नहीं हुआ था।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 08:23 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 08:23 AM (IST)
Jammu: जम्मू विश्वविद्यालय को रूसा की दूसरी किश्त का है इंतजार, प्रोजेक्टों की रफ्तार भी धीमी हुई
कोरोना के कारण प्रोजेक्टों की रफ्तार थोड़ी धीमी हो गई थी। फिर भी विश्वविद्यालय में कार्य जारी है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान ( रूसा ) के तहत जम्मू विश्वविद्यालय को दूसरी किश्त का इंतजार है। विश्वविद्यालय को विकास के लिए रूसा के तहत एक सौ करोड़ रुपये मंजूर हुए थे। विश्वविद्यालय को करीब 33 करोड़ की पहली किश्त हासिल हुई थी। उसके बाद अभी तक दूसरी किश्त नहीं मिली है। कोरोना से उपजे हालात के कारण प्रोजेक्टों की रफ्तार धीमी हो गई है। पहली किश्त में जम्मू विवि के पीजी विभागों के पाठ्यक्रमों में बदलाव किए गए

थे। प्रोजेक्टों के लिए प्रोफेसरों को साढे चार लाख रुपये की धनराशि दी गई। कई विभागों के विस्तार, लैब, स्कालरशिप के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई गई। पहली किश्त में अब तक करीब 26 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके है। कई विकास प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। कोरोना के कारण विश्वविद्यालय कई बार बंद हो चुका है। इससे प्रोजेक्टों के कामकाज पर असर पड़ा है।

रूसा के कोआर्डिनेटर प्रो. नरेश पाधा का कहना है कि रूसा के तहत जम्मू विश्वविद्यालय को तरक्की के रास्ते पर ले जाने में मदद मिली है। हमने तेजी के साथ विकास करवाया है। वर्षों से जम्मू विवि के पीजी कोर्सों के पाठ्यक्रमों में बदलाव नहीं हुआ था। विशेषज्ञों को बुलाकर कार्यशालाएं करवाई गई। पाठ्यक्रमों को आधुनिक बनाया गया। रिसर्च के धनराशि उपलब्ध करवाई

गई है। रिसर्च क्लस्टर भी बनाया गया है। उम्मीद है कि दूसरी किश्त जल्द ही जारी होगी। कोरोना के कारण प्रोजेक्टों की रफ्तार थोड़ी धीमी हो गई थी। फिर भी विश्वविद्यालय में कार्य जारी है।

chat bot
आपका साथी