Coronavirus in Jammu Kashmir: ट्रांसपोर्टरों ने रखा चक्का जाम, सड़कों पर नहीं उतरी बसें व मिनी बसें

Jammu Transporters on Protest वजीर के अनुसार जब पिछले साल सरकार ने यह फैसला लिया था तो यात्री किराये में तीस फीसद की वृद्धि की गई थी और तब भी ट्रांसपोर्टरों ने लोगों की परेशानी को देखते हुए घाटे में गाड़ियां चलाई थी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 12:37 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 12:37 PM (IST)
Coronavirus in Jammu Kashmir: ट्रांसपोर्टरों ने रखा चक्का जाम, सड़कों पर नहीं उतरी बसें व मिनी बसें
यात्री किराये में तीस फीसद वृद्धि की मांग की थी लेकिन तब सरकार ने केवल 19 फीसद किराया बढ़ाया।

जम्मू, जागरण संवाददाता: प्रदेश सरकार की ओर से सभी यात्री वाहनों को 50 फीसद क्षमता के साथ चलाने का अादेश जारी करने के विरोध में ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने बुधवार से चक्का जाम कर दिया। चक्का जाम के चलते बुधवार को बसें व मिनी बसें सड़कों पर नहीं उतरी।

किसी भी रूट पर बस या मिनी बस उपलब्ध न होने से आम यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई जगहों पर लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जाते दिखे तो कहीं पर सरकारी बसों का इंतजार करते हुए। ट्रांसपोर्टरों के इस चक्का जाम के दौरान यात्रियों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की बसें तो चल रही थी लेकिन इनकी संख्या कम होने से लोग जगह-जगह इंतजार करते पाए गए। ट्रांसपोर्टरों के इस चक्का जाम से शहर की ट्रैफिक भी तीस फीसद तक ही रह गई थी जिससे शहर में आंशिक लॉकडाउन का एहसास भी हुआ।

प्रदेश सरकार की ओर से मंगलवार को सभी यात्री वाहनों को 50 फीसद क्षमता के साथ चलाने का अादेश दिया गया था जिसके विरोध में एसोसिएशन ने आज से चक्का जाम का आह्वान किया था। एसोसिएशन का कहना है कि अगर सरकार चाहती है कि यात्री वाहन 50 फीसद क्षमता के साथ चले तो इसके लिए सरकार को यात्री किराये में 50 फीसद की वृद्धि करनी होगी।

इस वृद्धि के बिना ट्रांसपोर्टर गाड़ी नहीं चला सकते क्योंकि मौजूदा किराये में 50 फीसद क्षमता के साथ गाड़ी चलाकर डीजल का खर्च भी पूरा नहीं होगा और कोई भी ट्रांसपोर्टर घाटे में गाड़ी नहीं चलाएगा। एसोसिएशन के चेयरमैन टीएस वजीर ने कहा कि यह भी सहीं है कि कोरोना महामारी के फैलाव को देखते हुए सरकार को एहतियातन कदम उठाने है लेकिन इसका खामियाजा ट्रांसपोर्टर नहीं भुगत सकते।

वजीर के अनुसार जब पिछले साल सरकार ने यह फैसला लिया था तो यात्री किराये में तीस फीसद की वृद्धि की गई थी और तब भी ट्रांसपोर्टरों ने लोगों की परेशानी को देखते हुए घाटे में गाड़ियां चलाई थी। हाल ही में यात्री किरायों में हुई वृद्धि के सवाल पर वजीर ने कहा कि डीजल के जितने दाम बढ़े है, उसे देखते हुए एसोसिएशन ने यात्री किराये में तीस फीसद वृद्धि की मांग की थी लेकिन तब सरकार ने केवल 19 फीसद किराया बढ़ाया।

आज ट्रांसपोर्टर काफी मुश्किल से गाड़ी चला रहा है और इस पर सरकार चाहती है कि ट्रांसपोर्टर मौजूदा किराये में 50 फीसद क्षमता के साथ गाड़ी चलाए, यह संभव नहीं। इसलिए जब तक सरकार यात्री किराये में 50 फीसद वृद्धि नहीं करती, पूरे जम्मू संभाग में सभी बसें व मिनी बसें खड़ी रहेंगी। 

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