Jammu Strawberry: जम्मू की स्ट्राबेरी मार्केट में छाने को तैयार, किसानों को अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद

13 हजार रुपये प्रति कनाल की सब्सिडी मिलने से सांबा कठुआ जम्मू जिले में बड़ी संख्या में किसानों ने इस बार स्ट्राबेरी की फसल को अपने खेतों में जगह दी। पुरमंडल व विजयपुर ब्लाक में ही 120 कनाल भूमि मेें स्ट्राबेरी की खेती इस बार की गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 01:29 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 01:29 PM (IST)
Jammu Strawberry: जम्मू की स्ट्राबेरी मार्केट में छाने को तैयार, किसानों को अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद
दो ग्राम की डिब्बी किसानों को 20 से 25 रुपये दिला रही है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: मौसम में बदलाव आते ही जम्मू में स्ट्राबेरी की फसल पकने लगी है। अबकी फसल अच्छी हुई है। यह देख किसानों के चेहरों पर रौनक आ गई है। मार्केट में आते ही किसानों को बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है। पैदावार देख किसानों को कहना है कि इस बार अच्छा मुनाफा होगा। हालांकि पिछले समय में हुई ओलावृष्टि से फसल को आंशिक नुकसान हुआ। लेकिन कुल मिलाकर अच्छी फसल है।

जम्मू के कई इलाकों में तो किसानों ने खेतों में लगी स्ट्राबेरी को चुनने का काम भी आरंभ कर दिया है। अब से लेकर अप्रैल मध्य तक जम्मू की स्ट्राबेरी मार्केट में बनी रहेगी। इस बार पिछले साल के मुकाबले अच्छी व अधिक पैदा हुई है। 13 हजार रुपये प्रति कनाल की सब्सिडी मिलने से सांबा, कठुआ, जम्मू जिले में बड़ी संख्या में किसानों ने इस बार स्ट्राबेरी की फसल को अपने खेतों में जगह दी। पुरमंडल व विजयपुर ब्लाक में ही 120 कनाल भूमि मेें स्ट्राबेरी की खेती इस बार की गई है। यह पिछले साल से दोगुना अधिक है।

बडुई के किसान शाम सिंह ने बताया कि इस बार उन्होंने 11 कनाल भूमि में स्ट्राबेरी लगाई है। इस समय मौसम साफ है और यह फसल के लिए उपयुक्त है। उन्होंने खेतों से स्ट्राबेरी चुनने का काम भी आरंभ कर दिया है। उन्होंने बताया कि उनका माल मंडी में पहुंचना भी शुरू हो गया है। दो ग्राम की डिब्बी किसानों को 20 से 25 रुपये दिला रही है।

वहीं बागवानी अधिकारी संजीव कुमार का कहना है कि स्ट्राबेरी की खेती किसानों को अच्छी कमाई दे सकती है। स्ट्राबेरी को बढ़ावा देने के लिए विभाग की भी योजना है। यह कैश क्राप है जिसके माध्यम से अपनी आमदनी को बढ़ा सकता है। यहां बता दें कि जम्मू में स्ट्राबेरी की खेती का श्री गणेश 2005 में हुआ था। आरंभ में किसानों को स्ट्राबेरी से अच्छी कमाई हुई थी। हालांकि बाद में मौसम के मिजाज का इस पर असर रहा। अब एक बार फिर किसानों ने इस खेती की ओर अपना रुझान दिखाया है। 

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