Jammu Lockdown News: लॉकडाउन में छूट न मिलने पर प्रदूषण जांच केंद्रों व वर्कशापों के संचालक मायूस

आल जम्मू कश्मीर पाॅल्यूशन चेकिंग सेंटर एसोसिएशन के प्रधान भीष्म सिंह चिब का कहना है कि पिछले वर्ष भी उनके प्रदूषण जांच केंद्र छही महीने से अधिक समय तक बंद रहे थे। उनको उस समय भी काफी नुकसान उठाना पड़ा।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 10:22 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 10:22 AM (IST)
Jammu Lockdown News: लॉकडाउन में छूट न मिलने पर प्रदूषण जांच केंद्रों व वर्कशापों के संचालक मायूस
कम से कम सप्ताह में तीन दिन उनके केंद्र खोलने की अनुमति उन्हें दी जाए।

जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू में लॉकडाउन के 24 मई तक बढ़ाने के बीच कोई छूट न मिलने से प्रदूषण जांच केंद्रों के संचालक मायूस हो गए हैं। लाॅकडाउन बढ़ाने के आदेश के साथ जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन में शहर में कुछ अन्य दुकानों को सप्ताह में दो दिन बुधवार और वीरवार को खुलने की छूट दी गई है लेकिन इस छूट में प्रदूषण जांच केंद्रों व गाड़ियों की मरम्मत करने वाली वर्कशाप को शामिल नहीं किया गया है। वहीं गाड़ियों की मरम्मत व प्रदूषण जांच व्यवसाय से जुड़े लोगों में इस बात को लेकर रोष है।

आल जम्मू कश्मीर पाॅल्यूशन चेकिंग सेंटर एसोसिएशन के प्रधान भीष्म सिंह चिब का कहना है कि पिछले वर्ष भी उनके प्रदूषण जांच केंद्र छही महीने से अधिक समय तक बंद रहे थे। उनको उस समय भी काफी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने अपनी जेब से ही प्रदूषण जांच केंद्रों में काम करने वाले कर्मियों का वेतन, जांच केंद्रों का किराया, बिजली का बिल आदि भरा था। इसके अलावा बंद प्रदूषण जांच केंद्रों में लगी मशीनों की केलीब्रेशन और एएमसी तक उन्होंने हजारों रुपये मुफ्त में भरे थे।

अब दोबारा जब लॉकडाउन लगा है तो उनके जांच केंद्र बंद हो गए हैं। उनका अपना परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में वे अपने कर्मियों व बंद पड़ी मशीनों की एएमसी, केलीब्रेशन का खर्च, दुकानों व बिजली का किराया उठाने में सक्षम नहीं है। प्रशासन ने दुकानों को दी छूट में भी उनको शामिल नहीं किया है। चिब का कहना है कि अगर लॉकडाउन में गाड़ियां चल सकती है, पेट्रोल पंप खुल सकते हैं तो उनके केंद्र भी खोलने की अनुमति देनी चाहिए।

हमारें केंद्र अलग-अलग क्षेत्रों में हैं। वहां लोगों का जमावड़ा नहीं लगता। लॉकडाउन खुलने को लेकर अभी प्रशासन भी असमंजस में हैं। ऐसे में कम से कम सप्ताह में तीन दिन उनके केंद्र खोलने की अनुमति उन्हें दी जाए। वहीं गाड़ियों की मरम्मत करने वाली वर्कशॉपों के मालिकों का भी कहना है कि लॉकडाउन में कई लोगों की गाड़ियां खराब हो गई है। ऐसे में उन्हें भी सप्ताह में कम से कम दो दिन वर्कशाप खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए। उनके पास भी स्थायी कर्मी काम करते हैं।

अगर वे उनका वेतन नहीं देंगे तो वे काम छोड़कर चले जाएंगे। उन्हें दोबारा कुशल कारीगर भी नहीं मिलेंगे जिससे उनका कारोबार प्रभावित होगा। 

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