Jammu: क्रिटिकल केयर एंबुलेंस में लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाला फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार

क्रिटिकल केयर एंबुलेंस के साथ लोगों की जान बचाने के लिए डॉक्टर बनकर उन्हें शिफ्ट करने का काम करता है। जीएमसी अस्पताल से कटड़ा के एक निजी अस्पताल में जा रही एंबुलेंस में वह बतौर डाक्टर बन कर जा रहा था।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 02:13 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 02:13 PM (IST)
Jammu: क्रिटिकल केयर एंबुलेंस में लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाला फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार
एंबुलेंस चलाने वाले अस्पतालों या ट्रस्ट की इस मामले को मिलीभगत तो नहीं है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: बख्शी नगर पुलिस ने जीएमसी अस्पताल में फर्जी डॉक्टर बनकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी क्रिटिकल केयर एंबुलेंस के साथ बतौर डॉक्टर बन कर चलता था। बख्शी नगर पुलिस थाने में आरोपी के विरुद्ध धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कर लिया गया।

जीएमसी पुलिस चौकी में कुछ लोगों ने शिकायत की कि निक्सन भारत निवासी क्रिश्चियन कॉलोनी, प्रेम नगर जो इन दिनों तालाब तिल्लो इलाके में रह रहा है, खुद को डाक्टर बता है। वह क्रिटिकल केयर एंबुलेंस के साथ लोगों की जान बचाने के लिए डॉक्टर बनकर उन्हें शिफ्ट करने का काम करता है। जीएमसी अस्पताल से कटड़ा के एक निजी अस्पताल में जा रही एंबुलेंस में वह बतौर डाक्टर बन कर जा रहा था।

शिकायत के आधार पर पुलिस कर्मी पूछताछ के लिए उसे जीएमसी अस्पताल में बनी पुलिस चौकी में ले गए। जब निक्सन से पूछताछ की तो उसने खुलासा किया कि उसके पास डॉक्टर की कोई भी डिग्री नहीं है। गहनता से पूछताछ करने के बाद आरोपी ने बताया कि वह पिछले कई वर्ष से विभिन्न क्रिटिकल केयर एंबुलेंस को के साथ बतौर डॉक्टर बनकर चल रहा है। जिसमें दुबे चैरिटेबल ट्रस्ट, कोहली क्रिटिकल केयर एंबुलेंस, गोदावरी चैरिटेबल ट्रस्ट, एंबुलेंस सर्विस ऑपरेटेड जेके मेडिसिटी चल रहा है।

क्रिटिकल केयर एंबुलेंस चलाने वाले ट्रस्ट या अस्पतालों पर भी हो सकती है कार्रवाई: जम्मू शहर में चलने वाली कई नामी क्रिटिकल एंबुलेंस के साथ आरोपित निक्सन भारत लंबे समय से चल रहा था। लेकिन किसी एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करवाने वाले अस्पताल या ट्रस्ट से फर्जी डाक्टर की असलियत जानने के बारे में कोई कोशिश नहीं की। पुलिस अब इस बात का भी पता लगा रही है कि एंबुलेंस चलाने वाले अस्पतालों या ट्रस्ट की इस मामले को मिलीभगत तो नहीं है। 

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