J&K : पेट्रोल पंप और डायग्नोसिस सेंटर खोलने के नियम बदलेगा निगम
नगर निगम का अपना मास्टर प्लान बनाने के लिए गठित हाउसिंग कमेटी ने सुझाव दिए हैं कि शहर में पेट्रोल पंप व डायग्नोसिस सेंटर खोलने के लिए नियमों में थोड़ा बदलाव किया जाएगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता I नगर निगम का अपना मास्टर प्लान बनाने के लिए गठित हाउसिंग कमेटी ने सुझाव दिए हैं कि शहर में पेट्रोल पंप व डायग्नोसिस सेंटर खोलने के लिए नियमों में थोड़ा बदलाव किया जाएगा।
कॉरपोरेटर राजेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न मसलों पर चर्चा की गई। राजेंद्र शर्मा ने इस मौके पर मेयर चंद्र मोहन गुप्ता, निगम की स्वच्छ भारत मिशन कमेटी के चेयरमैन सूरज प्रकाश पाधा, ज्वाइंट कमिश्नर के अलावा इंडियन आयल कंपनी के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में कहा गया कि शहर में होटल व लॉजेज खोलने के लिए एक कनाल जगह होनी चाहिए।
शहर में बहुत से छोटे लाजेज हैं जिनकी जगह आठ मरले हैं। उनके लिए नियमों में बदलाव करते हुए आठ मरले तक वालों को भी अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा कहा गया कि डायग्नोसिस सेंटर खोलने के लिए एक कनाल जगह होनी चाहिए। कमेटी ने सुझाव दिया कि इसके लिए नक्शा पास करने के लिए ओल्ड सिटी के लिए थोड़ा बदलाव कर सकते हैं। शहर से बाहर या नए इलाकों में एक कनाल का ही प्रावधान रहेगा। इसके अलावा कमेटी ने प्राइमरी स्कूल के लिए ढाई कनाल के प्रावधान में भी यथासंभव बदलाव करने के भी सुझाव दिए। बैठक में कहा गया कि नर्सरी के लिए डेढ़ कनाल का प्रावधान है। उसमें भी रियायत करेंगे।
नक्शा पास करवाने में भ्रष्टाचार :
बैठक में कहा गया कि नक्शा पास करवाना है वो पहले आर्किटेक्ट के पास जाना पड़ता है। वे दो नक्शे देते हैं। एक पास करवाने के लिए और दूसरा बाद में दिया जाता है। इससे भ्रष्टाचार फैलता है। इसे कम करने के लिए लेआउट मकान की मंजूरी देंगे। इसके तहत 75 प्रतिशत कवर कर सकते हैं। 25 प्रतिशत खुला रखना है। फ्रंट में थोड़ा खुली जमीन छोड़ने का भी प्रावधान रख सकते हैं। पहले ही इसके लिए निगम से मंजूरी दे देंगे। इससे आर्किटेक्ट की नहीं चलेगी। लोगों को सहूलियत हो जाएगी।
राजेंद्र शर्मा ने बताया कि कमेटी विभिन्न विभागों के कमिश्नर सेक्रेटरी से मिल रहे हैं ताकि विभागों से ली जाने वाली एनओसी आराम से मिल सके। विभाग के अधिकारी या कर्मचारी लोगों को कर्मचारी को मौके पर भेजने की प्रक्रिया से छुटकारा दिला सके। जब लेआउट प्लान विभाग के पास होगा तो अधिकारी प्लान देखकर ही आनलाइन एनओसी जारी कर सकेगा। इससे समय बचेगा। उन्होंने बताया कि पीएचई के कमिश्नर सेक्रेटरी से बात हुई है। राजेंद्र शर्मा ने कहा कि पाइप का पता होना चाहिए। बिना व्यक्ति विशेष से बात किए काम हो सके। सेक्रेटरी ने कहा कि फिलहाल स्टाफ की कमी है। फिर भी करेंगे। टाउन प्लानिंग से बात करेंगे। बैठक में इंडियन आयल कंपनी के प्रतिनिधि भी आए थे।