जम्मू के मेयर चंद्र मोहन ने वार्ड 67 व 61 का किया दौरा, लोगों की दिक्कतों का लिया जायजा
मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने वार्ड नंबर 61 व 67 का दौरा कर जारी बारिश के चलते नालियों नालों के ओवरफ्लो होने से बनी हालत का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जन समस्याओं के समाधान करें।
जम्मू, जागरण संवाददाता : मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने वार्ड नंबर 61 व 67 का दौरा कर जारी बारिश के चलते नालियों, नालों के ओवरफ्लो होने से बनी हालत का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जन समस्याओं के समाधान करें।
लोअर मुट्ठी के नजदीक नई बस्ती कालोनी, आनंद नगर बोहड़ी व साथ लगते इलाकों का दौरा किया
मंगलवार को मेयर निगम की पब्लिक हेल्थ एंड सेनिटेशन कमेटी के चेयरमैन नरेंद्र सिंह जम्वाल, वार्ड 67 के कॉरपोरेटर सूरज प्रकाश पाधा, वार्ड 61 के कॉरपोरेटर महेंद्र कुमार भगत के साथ लोअर मुट्ठी के नजदीक नई बस्ती कालोनी, आनंद नगर बोहड़ी व साथ लगते इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने लोगों के साथ भी मुलाकात की। जहां लोगों ने उन्हें बताया कि किस प्रकार की दिक्कतें वह झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नालियों व नालों का गंदा पानी घरों में घुस रहा है।
समस्याओं को हल करवाते हुए उन्हें राहत प्रदान की जाएगी
मेयर ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं को हल करवाते हुए उन्हें राहत प्रदान की जाएगी। नालियों को ठीक करने के साथ जहां जरूरत होगी तो वहां इनका दोबारा निर्माण भी करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि नाले के साथ दीवार का भी निर्माण करवाया जाएगा। करीब दो फुट तक ऊंची दीवार बनने से जलभराव का खतरा समाप्त हो जाएगा। सड़क पर भी जलभराव नहीं होगा।
सभी कॉरपोरेटर लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं
मेयर ने जल शक्ति विभाग व बिजली विभाग के एक्सइएन को निर्देश दिए कि वे बिना देरी इलाके में पानी की पाइपों को बदलें। लोअर मुट्ठी से विभिन्न इलाकों में आपूर्ति के लिए डाली गई इन पाइपों को बदला जाए। इसके अलावा क्षेत्र से निकलने वाली हाईटेंशन लाइन के खम्भों को भी ठीक किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी कॉरपोरेटर लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले अढ़ाई सालों से कॉरपोरेटर अपने वार्डों के मुद्दों को उठाकर इनका समाधान करवा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे घरों से निकलने वाले कचरे को गलियों, नालियों व खाली स्थानों पर न फेंके। इससे निकासी रुकेगी और बरसात में जलभरावी का सबब बनेंगी।