Jammu: अब जम्मू में गिरेगी बर्फ की वीडियो क्लिप से मेयर सुर्खियों में, विपक्ष कस रहा तंज
Jammu Mayor Video Viral On Social Media कॉरपोरेटर द्वारका चौधरी का कहना है कि एक मेयर को ऐसी बयानबाजी शोभा नहीं देती। उन्हें शहर वासियों की समस्याओं के समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हुए जमीनी स्तर पर काम करके दिखाना चाहिए।
जम्मू, जागरण संवाददाता : एक बार फिर मेयर अपनी बयानबाजी को लेकर चर्चा में आ गए हैं। उनकी एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि वर्ष 2031-32 तक जम्मू में बर्फ पड़ना शुरू हो जाएगी क्योंकि शहर में इतना पौधारोपण किया जा रहा है। इस पर विपक्ष ने मेयर पर तंज कसना शुरू कर दिए हैं। वह मेयर की बयानबाजी को बेतुका करार दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें मेयर चंद्र मोहन गुप्ता कह रहे हैं कि वो दिन दूर नहीं जब पत्नीटाप या वैष्णो देवी की तरह जम्मू शहर में भी बर्फ पड़ेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2031-32 आते-आते जम्मू शहर में भी बर्फ पड़ेगी। इससे पहले शहर में जलभराव के बाद उनकी एक और वीडियो क्लीपिंग वायरल हुई थी जिसमें वह कह रहे थे कि उन्होंने नालों पर पीएचडी की हुई है। अब जम्मू शहर में कभी जलभराव नहीं हाेगा।
यह दोनों ही वीडियो मेयर की छीछालेदर करवाने का काम कर रही हैं। विपक्ष मेयर के इन दोनों ही बयानों को लेकर मेयर पर तंज कसने से बाज नहीं आ रहा। विशेषकर जम्मू नगर निगम में विपक्षी नेताओं ने मेयर के खिलाफ रोष जताना शुरू किया है। कुछ दिन पहले तो निगम में कांग्रेस के चीफ व्हिप द्वारका चौधरी ने अन्य कॉरपोरेटरों को साथ लेकर पत्रकार वार्ता कर मेयर से जवाब मांगा था कि वह मीडिया में जो बयान देते हैं, वह जमीन पर नहीं होते।
उन्हेांने बयान दिया था कि शहर के नालों पर 300 कराेड़ खर्च हुए हैं। विपक्ष ने कहा था कि कॉरपोरेटरों को विकास करवाने के लिए फंड्स नहीं मिल रहे और मेयर बेतुकी बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे। वीरवार रात से ही शहर में बर्फ गिरने की वीडियो क्लीपिंग वायरल हो रही हैं। इस पर कांग्रेस के नेता एवं कॉरपोरेटर गौरव चोपड़ा का कहना है कि मेयर किसी एक पार्टी का न हो, सभी का नेता होता है। उन्हें फॉदर ऑफ द सिटी का दर्जा प्राप्त है। जब शहर का पिता ऐसा काम करेगा तो फिर बच्चों से क्या अपेक्षा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेयर बड़े ही गैर जिम्मेदराना बयान देते आ रहे हैं। उनकी कथनी और करनी में काफी अंतर है।
वहीं कॉरपोरेटर द्वारका चौधरी का कहना है कि एक मेयर को ऐसी बयानबाजी शोभा नहीं देती। उन्हें शहर वासियों की समस्याओं के समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हुए जमीनी स्तर पर काम करके दिखाना चाहिए। उनके मुंह से निकला हर लफ्ज सही हो, ऐसा होना चाहिए। राज्यपाल के बाद मेयर का दर्जा है।
वहीं मेयर का कहना है कि विपक्ष का काम ही मुद्दों को तूल देना है। वे नहीं चाहते कि भाजपा के नेतृत्व में लोगों के काम हों। जनता जानती है कि कौन काम कर रहा है। उनका कहना है कि पिछले तीन वर्षों में जितने काम शहर में हुए हैं, वह लोगों से छिपे नहीं हैं।