Jammu Kashmir: बाढ़ से पहले ही मिल जाएगी उस‍की स्‍टीक सूचना, जम्‍मू कश्‍मीर का ब्रिटेन से हुआ करार

बाढ़ से निपटने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार यूनाइटेड किंगडम स्पेश एजेंसी के साथ मिलकर अलर्ट सिस्टम बनाएगी। इससे सेटेलाइट से जमीन की निगरानी कर बाढ़ से पहले ही उसकी सूचना मिल जाएगी ताकि जानमाल का नुकसान न हो। इससे सरकारी मशीनरी को त्वरित कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sat, 13 Feb 2021 05:00 AM (IST) Updated:Sat, 13 Feb 2021 07:24 AM (IST)
Jammu Kashmir: बाढ़ से पहले ही मिल जाएगी उस‍की स्‍टीक सूचना, जम्‍मू कश्‍मीर का ब्रिटेन से हुआ करार
जम्मू कश्मीर सरकार यूनाइटेड किंगडम स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर पूर्व सूचना सिस्टम बनाएगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : बाढ़ से निपटने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार यूनाइटेड किंगडम स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर पूर्व सूचना सिस्टम बनाएगी। इसके तहत सेटेलाइट से जमीन की निगरानी से बाढ़ आने से पहले ही कार्रवाई कर  सुनिश्चित किया जाएगा कि जानमाल का नुकसान न हो। यह जानकारी शुक्रवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दी। उन्होंने स्पष्ट किया है कि प्रभावी पूर्व सूचना मिलने से सरकारी मशीनरी को त्वरित कार्रवाई करने में सहायता मिलेगी। इससे बाढ़ आने की स्थिति में नुकसान कम होगा।

उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई अर्थ अब्जरवेशन प्रणाली की मदद से होगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के गठजोड़ बहुत मायने रखते हैं।

उपराज्यपाल का कहना है कि हाल ही में आई एक रिपोर्ट में भारत को ऐसे दस देशों में शामिल किया गया है जहां बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं आने का खतरा सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में मौसम की पूर्व सूचना के लिए सिस्टम हैं, लेकिन उन्हें और बेहतर बनाने की जरूरत है।

जम्मू कश्मीर का हवाला देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि हमारे पास बाढ़ की पूर्व सूचना के लिए कोई तंत्र नहीं है। ऐसे में यूनाइटेड किंगडम स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर बनाई जाने वाली प्रणाली बहुत कारगर साबित होगी। इसे भविष्य में किसी भी बाढ़ निगरानी प्रणाली के साथ लिंक किया जा सकता है। जम्मू कश्मीर सरकार को यह प्रणाली हासिल करने के लिए कुछ खर्च नहीं करना पड़ेगा।

नेशनल स्पेस इनोवेशन प्रोग्राम के तहत बाढ़ पूर्व सूचना प्रणाली युनाइटेड किंगडम स्पेस एजेंसी द्वारा तैयार की जाएगी। यह प्रोजेक्ट एचआर वैलिंगफोर्ड, ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी,  सेयर्स एंड पार्टनर्स व यूके की डा आरबिट द्वारा बनाया जाएगा। इस प्रणली के तैयार होने से जम्मू कश्मीर जैसे प्रदेश को बहुत फायदा होगा। 

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