Jammu Kashmir Weather: कश्मीर घाटी में तापमान -5.9 डिग्री सेल्सियस पहुंचा, 5 जनवरी तक शुष्क रहेगा मौसम

Jammu Kashmir Weather मौसम विभाग के अनुसार श्रीनगर में रात का तापमान इस वर्ष में इस समय के लिए सामान्य से लगभग तीन डिग्री सेल्सियस कम था। एक दशक में यह दूसरी बार था जब दिसंबर के महीने में पारा इस हद तक गिर गया।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 31 Dec 2020 11:10 AM (IST) Updated:Thu, 31 Dec 2020 11:35 AM (IST)
Jammu Kashmir Weather: कश्मीर घाटी में तापमान -5.9 डिग्री सेल्सियस पहुंचा, 5 जनवरी तक शुष्क रहेगा मौसम
गुलमर्ग में पिछली रात को तापमान -10.4 डिग्री सेल्सियस, पहलगाम में -9.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

श्रीनगर, जेएनएन: एक दशक में यह दूसरी बार है जब कश्मीर घाटी में दिसंबर में तापमान इस हद तक गिरा है। बुधवार रात को कश्मीर घाटी के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम -5.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले इसी माह की 19 दिसंबर को मौसम विभाग ने कश्मीर घाटी में -6.6 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे बड़ी रात दर्ज की थी। वहीं मौसम विभाग के अनुसार 5 जनवरी से पहले कोई मौसम में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा। हालांकि इस बीच घाटी में बर्फबारी और बारिश होने की संभावना है।

 

मौसम विभाग के अनुसार श्रीनगर में रात का तापमान इस वर्ष में इस समय के लिए सामान्य से लगभग तीन डिग्री सेल्सियस कम था। एक दशक में यह दूसरी बार था जब दिसंबर के महीने में पारा इस हद तक गिर गया। अधिकारी ने कहा कि गुलमर्ग में पिछली रात को तापमान -10.4 डिग्री सेल्सियस, पहलगाम में -9.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

इसी तरह काजीगुंड में -6.2 डिग्री सेल्सियस, कुपवाड़ा में -5.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। कोकरनाग में घाटी का तीसरा सबसे ठंडा स्थान रहा। यहां का तापमान -7.8 डिग्री सेल्सियस रहा। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के जिला लेह में -15.8 डिग्री सेल्सियस, कारगिल में -18.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

कश्मीर में जारी चिल्लई कलां अब मध्य में पहुंच गया है। 40 दिनों तक जारी रहने वाली शीतकालीन अवधि 31 जनवरी को समाप्त होगी। इस अवधि को घाटी में सर्दियों का सबसे कठोर समय माना जाता है। इस दौरान कश्मीर घाटी में बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक रहती है। आपको बता दें कि कश्मीर में 20 दिन चिल्लाई-खुर्द (छोटी ठंड) जबकि 10 दिन की चिल्लाई-बाचा (बेबी कोल्ड) के साथ शीत लहर जारी है।

कश्मीर में तापमान जमाव बिंधु से भी नीचे चले जाने की वजह से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्राकृतिक स्रोतों के साथ-साथ नलों का पानी भी जम जाने की वजह से पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। बिजली की मांग और आपूर्ति में काफी अंतर होने की वजह से कटौती का सिलसिला भी बढ़ गया है। पारे में गिरावट के कारण डल झील के भी कुछ हिस्सों में पानी जमना शुरू हो गया है।

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