Coronavirus: चार दिन में ही पॉजिटिव से निगेटिव हुए वरिष्ठ आइएएस अधिकारी, जीएमसी टेस्ट पर उठने लगे सवाल

मेडिकल कालेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष का कहना है कि उनके पास कोई रिपोर्ट नहीं आई है। वह इस मामले पर कुछ भी नहीं कह सकते।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 11:12 AM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 11:12 AM (IST)
Coronavirus: चार दिन में ही पॉजिटिव से निगेटिव हुए वरिष्ठ आइएएस अधिकारी, जीएमसी टेस्ट पर उठने लगे सवाल
Coronavirus: चार दिन में ही पॉजिटिव से निगेटिव हुए वरिष्ठ आइएएस अधिकारी, जीएमसी टेस्ट पर उठने लगे सवाल

जम्मू, राज्य ब्यूरो : चार दिन पहले जिस वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) अधिकारी का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था वीरवार को फिर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई। यही नहीं तीन अन्य अधिकारियों के टेस्ट भी नेगेटिव आए। इससे प्रशासन ने तो राहत की सांस ली, लेकिन मेडिकल कॉलेज में हो रहे टेस्ट पर सवाल उठने लगे हैं।

सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ आइएएस अधिकारी का टेस्ट मेडिकल कॉलेज जम्मू के माइक्रोबायालोजी विभाग में हुआ था। यह टेस्ट पाजिटिव आया था। इसके बाद उक्त अधिकारी को श्री माता वैष्णो देवी के नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यही नहीं सात अन्य आइएएस अधिकारियों, जम्मू के मेयर सहित 86 अन्य अधिकारियों व कर्मियों को क्वारंटाइन कर दिया गया। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने के 10 दिन बाद फिर से टेस्ट किया जाता है। उक्त अधिकारी ने अपना टेस्ट तीन दिन बाद ही करवा दिया। सूत्रों का कहना है कि यह टेस्ट भी दो लैब में करवाया। इनमें एक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिसीन और दूसरा कमान अस्पताल ऊधमपुर की लैब से टेस्ट करवाए।

सूत्रों का कहना है कि दोनों ही लैब में टेस्ट नेगेटिव आया। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने भी टेस्ट नेगेटिव आने की पुष्टि की है। वहीं सूत्रों का कहना है कि क्वारंटाइन में गए तीन अन्य आइएएस अधिकारियों के टेस्ट भी निगेटिव आए हैं। इनमें एक सचिव और दो आयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी हैं, लेकिन चार दिन में ही आइएएस अधिकारी के टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद निगेटिव आने से मेडिकल कॉलेज में हो रहे टेस्टों पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

रिपोर्ट नहीं आई : मेडिकल कालेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष का कहना है कि उनके पास कोई रिपोर्ट नहीं आई है। वह इस मामले पर कुछ भी नहीं कह सकते।

सैंपल की सही जांच न होना गंभीर मामला : स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि चार दिन में पॉजिटिव से नेगेटिव दो ही कारणों से आ सकता है। एक अगर वह पहले से पॉजिटिव हो और उसे डायग्नोस बाद में हुआ हो। दूसरा अगर उसके सैंपल की ही सही जांच न हुई हो। यह गंभीर मामला है। इसकी जांच होनी चाहिए।

कई अधिकारियों और परिजनों के सैंपल लिएः स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस समय क्वारंटाइन में रह रहे कुछ आइएएस अधिकारियों और उनके परिजनों के सैंपल जांच के लिए लिए। इन सभी को एक वरिष्ठ आइएएस अधिकारी के पॉजिटिव आने के बाद क्वारंटाइन कर दिया गया था। वहीं, इनके परिजन घरों में ही क्वारंटाइन हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि चार अधिकारियों के टेस्ट वीरवार को निगेटिव आए हैं, जबकि शेष के सैंपल आज लिए गए। वहीं, पॉजिटिव आए अधिकारी के परिजनों के भी सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।

लद्दाख में कोरोना संक्रमण के चार आैर मामले आएः लद्दाख में कोरोना संक्रमण मामलों में तेजी से प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चुनौतियां बढ़ गई हैं। वीरवार को लद्दाख में संक्रमण के चार नए मामले सामने आए हैं। हाल ही में कोरोना से पूर्व केंद्रीय मंत्री के निधन के बाद लेह में प्रशासन ने संक्रमण रोकने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। ऐसे हालात में लेह के डिप्टी कमिश्नर सचिन कुमार ने शेनाम इलाके को सील कर क्षेत्र में लोगों की स्क्रीनिंग करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इस इलाके में सरकारी कार्यालय, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करने के साथ किसी भी प्रकार की कोई छूट नहीं जा रही है। सुबह आठ से दो बजे तक इलाके में लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। वीरवार को लद्दाख में संक्रमित चार मामलों में तीन कारगिल व एक लेह जिले से हैं। तीन दिन में लेह में संक्रमण के 16 मामले प्रकाश में आ चुके हैं।

लद्दाख में नौ मामले प्रकाश में आए थे। अब तक लद्दाख में कोरोना से एक मौत हुई है व 48 लोग ठीक होकर अस्पताल से जा चुके हैं। लेह व कारगिल जिलों में संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्क्रीनिंग की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। लेह में हाल ही में स्थापित कोविड लैब में रोज 50 टैस्ट की जांच करने की क्षमता है। ऐसे में सैंपलों को जांच के लिए दिल्ली भेजने की जरूरत पड़ रही है।लद्दाख में मई में सभी 43 संक्रमित मरीज ठीक हो गए थे। 18 मई को एक ही दिन में 19 मरीजों के ठीक होने से यह केंद्र शासित प्रदेश कोरोना मुक्त हो गया था। उसके बाद से लद्दाख में कोरोना संक्रमण के 51 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इनमें से पांच लोग ठीक होकर जा चुके हैं।

chat bot
आपका साथी