Jammu Kashmir New Excise Policy: ऑनलाइन नीलामी में शराब माफिया के हाथ गए अधिकतर लाइसेंस

Jammu Kashmir New Excise Policy सरकार कहती थी कि शराब माफिया खत्म करने व लाइसेंस आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए वो ऑनलाइन नीलामी कर रही है लेकिन इस नीलामी में दूसरे राज्यों के शराब माफिया ने अधिकतर लाइसेंस हासिल किए है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 09:34 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 09:34 AM (IST)
Jammu Kashmir New Excise Policy: ऑनलाइन नीलामी में शराब माफिया के हाथ गए अधिकतर लाइसेंस
अपने आरोपों के समर्थन में एसोसिएशन बहुत जल्द और पुख्ता सबूत लेकर जनता के सामने आएगी।

जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू वाइन ट्रेडर्स एसोसिएशन ने आबकारी नीति 2021-22 के तहत जम्मू-कश्मीर में हुई शराब की दुकानों की नीलामी में अधिकतर दुकानों के लाइसेंस बाहरी राज्यों के शराब माफिया द्वारा हथियाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार कहती थी कि जिसके पास जम्मू-कश्मीर का डोमिसाइल होगा, उसे ही नीलामी में हिस्सा लेने की इजाजत दी जाएगी लेकिन नीलामी में जिन लोगों ने लाइसेंस हासिल किए है, उनमें से अधिकांश बाहरी राज्यों के है जिन्होंने स्थानीय लोगों के नाम पर आवेदन करके लाइसेंस हासिल किए है।

एसोसिएशन के प्रवक्ता स. चरणजीत सिंह ने वीरवार शाम को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उनके पास जो जानकारी आई है, उसके मुताबिक मैसर्स ओबराय फिनकॉन प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स ओबराय एडवाइजरी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, अनुराधा वाइन ट्रेडर्स, मैसर्स तीन मूर्ति एसोशिएट्स प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स अग्रवाल प्रापर्टी मार्ट प्राइवेट लिमिटेड तथा पूनम वाइन ट्रेडर्स ने अधिकतर लाइसेंस हासिल किए है।

सिंह ने कहा कि जिन स्थानीय लोगों के नाम से लाइसेंस लिए गए है, उनमें से कई ऐसे है जो किराये के मकान में रहते है लेकिन उन्होंने करोड़ों रुपये में लाइसेंस हासिल किए। ऐसे लोगों ने बैंक गारंटी कहां से दी? इस पूरी नीलामी प्रक्रिया की न्यायिक जांच करवाने की मांग करते हुए सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने लाइसेंस हासिल किए है, उनकी आयकर रिर्टन मांगी जानी चाहिए। इससे पता चलेगा कि वास्तव में ऐसे लोग क्या करोड़ों रुपये देकर लाइसेंस हासिल करने के काबिल थे?

उन्हाेंने कहा कि सरकार कहती थी कि शराब माफिया खत्म करने व लाइसेंस आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए वो ऑनलाइन नीलामी कर रही है लेकिन इस नीलामी में दूसरे राज्यों के शराब माफिया ने अधिकतर लाइसेंस हासिल किए है। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में शराब की दुकान की सालाना कमाई 20 से 25 लाख थी, उन दुकानों के लाइसेंस करोड़ व उससे ऊपर की बोली लगाकर लिए गए है।

ऐसे में यह शराब माफिया अपने पैसे पूरे करने के लिए शराब की तस्करी करेगा और आने वाले दिनों में जम्मू में घटिया शराब की बिक्री होगी। उन्होंने कहा कि अपने आरोपों के समर्थन में एसोसिएशन बहुत जल्द और पुख्ता सबूत लेकर जनता के सामने आएगी।

chat bot
आपका साथी