Jammu: आखिर नींद से जागा जीएमसी प्रशासन, भर्ती प्रक्रिया की शुरू; डोमिसाइल प्रमाणपत्र वाले ही कर पाएंगे आवेदन

दैनिक जागरण ने कोविड महामारी के दौरान जनहित से जुड़े कई मुद्दे उठाए। प्रशासन ने भी इनका संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की। जीएमसी के साथ लगते सर कर्नल चोपड़ा नर्सिंग होम के बंद रहने के मुद्दे को उठाया। इस नर्सिंग होम के भी कायाकल्प करने के निर्देश जारी किए गए।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 02:05 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 02:05 PM (IST)
Jammu: आखिर नींद से जागा जीएमसी प्रशासन, भर्ती प्रक्रिया की शुरू; डोमिसाइल प्रमाणपत्र वाले ही कर पाएंगे आवेदन
ये नियुक्तियां आरंभ में एक वर्ष और अधिकतम तीन वर्ष के लिए होंगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: प्रशिक्षित स्टाफ की कमी से जूझ रहे डीआरडीओ के कोविड अस्पताल में एनेस्थीसिया टेक्निशयन के पदों पर नियुक्ति करने के लिए राजकीय मेडिकल कालेज प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि इसे लेकर डिप्लोमा करने वाले युवाओं में नाराजगी है। कारण केवल डिग्री कोर्स करने वालों को ही आवेदन के लिए योग्य करना है।

राजकीय मेडिकल कालेज और डीआरडीओ की ओर से बनाए गए कोविड अस्पताल में वेंटीलेटर सहित कई अन्य उपकरण चलाने वाले प्रशिक्षित स्टाफ की कमी है। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को लगातार उठाया है। जागरण ने कुछ दिन पहले ही यह खुलासा किया था कि एनेस्थीसिया टेक्निशयन के 47 पद सृजित होने के बावजूद अभी तक इनके लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की है जबकि कई युवा डिप्लोमा और डिग्री कोर्स करने के बाद बेरोजगार घूम रहे हैं। श्रीनगर में डीआरडीओ के अस्पताल में पहले से ही नियुक्तियां हो गई हैं। इसके बाद अब जीएमसी प्रशासन भी नींद से जागा है और उसने डीआरडीओ के कोविड अस्पताल में एनेस्थीसिया टेक्निशयन के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें आवेदन सिर्फ वहीं युवा कर सकेंगे जिनके पास डोमिसाइल प्रमाणपत्र होगा और उन्होंने एनेस्थीसिया में डिग्री कोर्स किया होगा। ये नियुक्तियां आरंभ में एक वर्ष और अधिकतम तीन वर्ष के लिए होंगी।

मगर दो वर्ष का डिप्लोमा करने वालों को इसके लिए योग्य न ठहराने से उनमें रोष है। उनका कहना है कि जब श्रीनगर मेडिकल कालेज ने एनेस्थीसिया टेक्निशयन के पदों के लिए डिप्लोमा करने वालों को योग्य ठहराया है तो जम्मू के युवाओं से भेदभाव क्यों। उनका कहना है कि वे पहले भी जीएमसी की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन से मिले थे। लेकिन उन्होंने उनकी बात को अनसुना कर दिया। अब यह युवा एक बार फिर से प्रिंसिपल से मिलने जा रहे हैं।

जागरण ने कोविड में उठाए यह मुद्दे, हुआ असर:  दैनिक जागरण ने कोविड महामारी के दौरान जनहित से जुड़े कई मुद्दे उठाए। प्रशासन ने भी इनका संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की। जीएमसी के साथ लगते सर कर्नल चोपड़ा नर्सिंग होम के बंद रहने के मुद्दे को उठाया। इसके बाद इस नर्सिंग होम के कायाकल्प करने के निर्देश जारी किए गए। जीएमसी में ही इमरजेंसी ब्लाक के पूरा न होने और उसमें नियुक्तियां न होने का मुद्दा उठाया। इस पर भी प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए इसे तुरंत पूरा करने और इसे चलाने के लिए नियुक्तियां करने को कहा। पीएम केयर फंड के तहत आए वेंटीलेटरों का उपयोग न होने का मुद्दा भी जागरण ने उठाया। इसके बाद न सिर्फ दूरदराज के क्षेत्रों में पड़े वेंटीलेटरों को उठा कर जीएमसी में भेजा गया बल्कि इसका आडिट करने के भी निर्देश जारी हुए। कोविड वाडों में तीमारदरों को भेजने से संक्रमण फैलने का मुद्दा भी जागरण ने उठाया। जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इसका संज्ञान लिया।  

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