Jammu Artificial Lake : ठेकेदार को 10 माह में तैयार करनी होगी कृत्रिम झील, एसएसी ने संशोधित परियोजना को मंजूरी दी
Jammu Artificial Lake तवी नदी पर प्रस्तावित बैराज प्रतिष्ठित कृत्रिम झील परियोजना की तीन उप-परियोजनाओं में से एक है। यह जम्मू में क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बोटिंग और वाटर स्पोर्टस जैसी मनोरंजक गतिविधियों के लिए है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू में कृत्रिम झील का सपना अब जल्द पूरा होगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में मंगलवार को श्रीनगर में प्रदेश प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने मंगलवार को तवी बैराज के शेष कार्यों के निर्माण के लिए 73.34 करोड़ रुपये की लागत से संशोधित परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह प्रोजेक्ट ई-टेंडर के बाद ठेकेदार को 10 महीने में पूरा करना होगा।
तवी नदी पर प्रस्तावित बैराज प्रतिष्ठित कृत्रिम झील परियोजना की तीन उप-परियोजनाओं में से एक है। यह जम्मू में क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बोटिंग और वाटर स्पोर्टस जैसी मनोरंजक गतिविधियों के लिए है। इसके अलावा जम्मू शहर को खूबसूरत बनाना भी मकसद था। अन्य दो उप-परियोजनाएं में तवी नदी विकास परियोजना तथा सौंदर्यीकरण एवं पर्यटन सुविधाओं का जुटाना था। इन्हें आवास और शहरी विकास विभाग और पर्यटन विभाग को पूरा करना था।
इस परियोजना को मूल रूप से वित्तीय वर्ष 2010-11 में 70 करोड़ रुपये की लागत से तैयार करने को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत कृत्रिम झील के निर्माण के लिए विभिन्न स्रोतों से धन जुटाकर परियोजना को स्वीकृत किया गया था, लेकिन ठेकेदार की निष्क्रियता के कारण सात वर्षों तक परियोजना ठप पड़ी रही। इसके कारण टेंडर को रद कर दिया गया और फिर इसकी लागत में वृद्धि हो गई।
अब प्रशासनिक परिषद ने संशोधित परियोजना को मंजूरी दे दी है। इसे ई-टेंडर के माध्यम से आवंटित करने के 10 महीने के भीतर 131.53 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरा किया जाएगा। इसमें 73.34 करोड़ अतिरिक्त फंड है, जबकि 58.19 करोड़ रुपये पहले से खर्च किए जा चुके हैं। बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान और राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता और उपराज्यपाल के प्रधान सचिव नीतिश्वर कुमार मौजूद रहे।
पर्यटन और वाणिज्य गतिविधियां बढ़ेंगी : कृत्रिम झील परियोजना के पूरा होने से कृत्रिम झील के आसपास वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा जल मनोरंजन और खेल सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और झील पर्यटकों को जम्मू शहर में आकर्षित करेगी।