जम्मू कश्मीर सरकार ने कोरेाना प्रभावितों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए, ऐसे की जाएगी मदद

उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से बताया गया कि जिन बच्चों ने अपने माता को कोविड महामारी में खो दिया है उन्हें सरकार द्वारा विशेष छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। अगले दो महीनों के लिए सभी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों पिट्ठू पालकी वालों को 1000 रुपये प्रति माह देने का फैसला किया है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 04:10 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 06:00 PM (IST)
जम्मू कश्मीर सरकार ने कोरेाना प्रभावितों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए, ऐसे की जाएगी मदद
प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यालय की ओर से इसकी जानकारी ट्वीट के माध्यम से दी गई है।

जम्मू, जेएनएन। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण ने कईयों के घर उजाड़ दिए हैं तो कईयों के परिवार के सदस्य इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। ऐसे कई मामले भी हुए हैं जिनमें दुर्भाग्य से बच्चों के सिर से उनके मां-बाप का साया उठा गया है तो कहीं घर के परिजनों का पेट पालने वाला ही अब इस दुनिया में नहीं रहा है। संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार ने कोरोना प्रभावितों के लिए मदद के लिए अपने हाथ बढ़ाए हैं। ऐसे में सबसे पहले कोरोना प्रभावित परिवारों को चिन्हित किया जाएगा। इसके उपरांत उन्हें वित्तीय सहायता या अन्य सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।

प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यालय की ओर से इसकी जानकारी ट्वीट के माध्यम से दी गई है। इसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि सरकार ने उन लोगों की मदद करने के लिए उपाय किए हैं जिन्होंने दुर्भाग्य से अपने प्रियजनों को कोविड 19 मे खो दिया है। परिवार के केवल कमाने वाले सदस्य को खोने वाले वरिष्ठ नागिरकों को जीवन के लिए विशेष पेंशन प्रदान की जाएगी।

उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से बताया गया कि जिन बच्चों ने अपने माता को कोविड महामारी में खो दिया है, उन्हें सरकार द्वारा विशेष छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। सरकार ने अगले दो महीनों के लिए सभी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों, पिट्ठू, पालकी वालों को 1000 रुपये प्रति माह देने का फैसला किया है।

सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों के सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी राशन कार्ड धारकों को रोशन की आपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करें। इस चुनौतीपूर्ण समय में वृद्ध आश्रम, अनाथालयों को रोशन सहित सरकार की ओर से सभी प्रकार की सहायता की जाएगी। 

उपराज्यपाल ने कहा कि हमारी प्राथमिकता यह है कि लोगों की भागीदारी से कोरोना को हराया जाए। कोरोना की रोकथाम के लिए जारी दिशा-निर्देशों का सभी पालन करें और शीघ्र ही हम इससे उभर पाएंगे। उपराज्यपाल ने कहा कि शीघ्र ही सभी डिप्टी कमिश्नर को यह निर्देश दिए जाएंगे कि वह कोरोना महामारी से मरने वाले लोगों को डेथ सर्टिफिकेट प्रदान करें। उपराज्यपाल ने कहा कि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड के तहत 55 करोड़ रुपए की धनराशि सभी डिप्टी कमिश्नरों,डिविजनल कमिश्नराें और जम्मू कश्मीर पुलिस को जारी की जाएगी।

सभी डिप्टी कमिश्नरों को 2-2 करोड़, डिविजनल कमिश्नरों को 5-5 करोड़ रुपये, और जम्मू कश्मीर पुलिस को 5 करोड़ रुपये आपदा की स्थिति से निपटने के लिए जारी किए जाएंगे। इससे पहले उपराज्यपाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जम्मू कश्मीर में कोरोना से उपजे हालात का जायजा लिया। उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में अस्पतालों में कोरोना के लिए उपलब्ध बिस्तरों, ऑक्सीजन की सुविधा और ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट की स्थिति का जायजा लिया।

उपराज्यपाल को बताया गया अतिरिक्त ऑक्सीजन प्लांट आयात किए जा रहे हैं और शीघ्र सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होंगे। उपराज्यपाल ने कहा कि अतिरिक्त ऑक्सीजन प्लांट से आक्सीजन की जरूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी। उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कोरोना कर्फ्यू को सख्ती के साथ लागू करें और आवश्यक सेवाओं को ही बहाल रखें। बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार फारुख खान, राजीव राय भटनागर, बसीर अहमद खान, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, वित्त विभाग के वित्तीय आयुक्त अरुण कुमार मेहता, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय आयुक्त अटल डुल्लु और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

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