New Excise Policy 2021: शराब की ठेकाें की ऑनलाइन नीलामी से मिले 140 करोड़ रुपये

नयी आबकारी नीति काे लेकर जो लोग विरोध करने वालों का दावा था कि कोई भी पुराना शराब विक्रेता इसमें हिस्सा नहीं ले पाएगा। नीलामी प्रक्रियामें कई पुराने शराब विक्रेताओं ने हिस्सा लिया है। जिन 228 ठेकों की बोली लगी है उनमें 20 से ज्यादा तो मौजूदा लाइसेंसधारक ही हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 09:32 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 09:32 AM (IST)
New Excise Policy 2021: शराब की ठेकाें की ऑनलाइन नीलामी से मिले 140 करोड़ रुपये
पूरे प्रदेश में करीब 800 लोगों ने शराब के ठेकों के लिए नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लिया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में जिस आबकारी नीति 2021-22 को लेकर शराब विक्रेता हंगामा करते हुए अदालत में पहुंच गए थे, उसी नीति के तहत शराब के ठेकों की नीलामी से सरकार को 140 करोड़ रूपये की कमाई हुई है। इससे पूर्व जम्मू कश्मीर में 228 शराब की दुकानों की सालाना फीस और लाइसेंस की मद में लगभग 10 कराेड़ रुपये ही सरकारी खजाने में पहुंचते थे।

पुरानी आबकारी नीति के तहत शराब बिक्री के लाइसेंस स्थायी तौर पर जारी किए जाते थे और लाइसेंसधारक को हर साल एक तयशुदा राशि ही जमा करनी होती थी। नयी नीति के तहत अब हर साल शराब के ठेकों की नीलामी हुआ करेगी।

आबकारी विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर आबकारी नीति 2021-22 के तहत शराब के ठेकों की पहली बार ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया अपनायी गई है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बोलीदाता की सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया ताकि कोई किसी पर दबाव न बना सके। नीलामी 228 ठेकों की हुई है। प्रत्येक ठेके की जगह के लिहाज से उसके लिए एक न्यूनतम बोली राशि रखी गई थी।

पूरे प्रदेश में करीब 800 लोगों ने शराब के ठेकों के लिए नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए खुद को पंजीकृत कराया था। नीलामी दो दिन चली। 15 अप्रैल को 170 ठेकों की निलामी हुई और अगले 58 ठेकों की बोली लगी।इनमें सिर्फ चार ही कश्मीर घाटी में हैं। नीलामी प्रक्रिया में किसी भी तरह की बाधा न पहुंचे, इसके लिए आबकारी विभाग ने बोलीदाताओं के लिए एक हैल्पलाईन स्थापित की थी। इस पर करीब 600 लोगों ने जिनमें जम्मू-कश्मीर बैंक के कर्मी भी शामिल हैं, ने संपर्क किया।

दो ठेकों के लिए तीन-तीन करोड़ से ज्यादा की राशि की बाेली लगी है जबकि चार ठेके दाे करोड़ रूपये से ज्यादा में आबंटित हुए हैं। 34 बोलीदाताओं ने एक करोड़ रूपये से ज्यादा की बोली लगाई जबकि 51 बोलीदाताओं ने 50 लाख से ज्यादा की बोली देकर अपने लिए ठेका प्राप्त किया है।

उन्होंने बताया कि नयी आबकारी नीति काे लेकर जो लोग विरोध करने वालों का दावा था कि कोई भी पुराना शराब विक्रेता इसमें हिस्सा नहीं ले पाएगा। नीलामी प्रक्रियामें कई पुराने शराब विक्रेताओं ने हिस्सा लिया है। जिन 228 ठेकों की बोली लगी है, उनमें 20 से ज्यादा तो मौजूदा लाइसेंसधारक ही हैं। उन्होंने कहा कि नयी आबकारी नीति के तहत काेई भी व्यक्ति अपने नाम पर एक से ज्यादा ठेके नहीं ले सकता। उसे केवल एक ही जगह के लिए शराब का ठेका मिल सकता है।

बाेलीदाताओं ने करीब 140 करोड़ रूपये की बोली लगाई है जबकि पहले इन्हीं ठेकों के लाइसेंसधारक मात्र 10 करोड़ ही सालाना सरकारी खजाने में जमा कराते थे। ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया के तहत प्रत्येक ठेके की औसत बोली 60 लाख रुपये गई है जो पहले चार लाख रूपये प्रति ठेका रहती थी। हम कह सकते हैं कि प्रत्येक ठेके से सरकार हो होने वाली आय में औसतन 15 गुणा बढ़ोतरी हुई है। 

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