Dharmarth Trust Jammu Kashmir: धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों ने फिर दी आंदोलन की चेतावनी

Jammu Kashmir Dharmarth Trust कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने सभी मुद्दे ट्रस्ट के चेयरमैन ट्रस्टी डा. कर्ण सिंह काउंसिल सदस्यों सलाहकार समिति के समक्ष रखे हैं लेकिन उन्हें कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। कर्मचारियों ने ट्रस्ट के मंदिरों की हालत सुधारने पर भी बल दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 10:45 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 10:50 AM (IST)
Dharmarth Trust Jammu Kashmir: धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों ने फिर दी आंदोलन की चेतावनी
धर्मार्थ ट्रस्ट में काम कर रहे कर्मचारियों को पक्का करने की बात हुई थी।

जम्मू, जागरण संवाददाता: पिछले वर्ष करीब चार महीनों के करीब धर्मार्थ ट्रस्ट प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन करने वाले कर्मचारियों ने प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ फिर से मोर्चा खोलने की चेतावनी दी है। धर्मार्थ ट्रस्ट इंप्लाइज एसोसिएशन ने भारतीय मजदूर संघ कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि कर्मचारियों को ट्रस्ट प्रबंधन परेशान करने पर उतारू है।

आंदोलन की समाप्ति के दौरान 22 अप्रैल 2021 को जो समझौता हुआ था। उस पर अमल नहीं हो रहा।बिना किसी कारण के कई कर्मचारियों का वेतन रोका गया है।कुछ कर्मचारियों को जम्मू से श्रीनगर ट्रांसफर करने के आदेश जारी किए गए हैं। आंदोलन में सक्रीय भूमिका निभाने वालों को किसी न किसी तरीके से परेशान किया जा रहा है।

एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने कहा कि उस समय कर्मचारियों की 20 प्रतिशत वेतन बढ़ाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन उस वेतन को बेसिक सेलरी में नहीं डाला जा रहा। उसका अलग से एक हेड बनाकर वेतन दिया जा रहा है। जो कर्मचारी सात वर्ष से लंबे समय से धर्मार्थ ट्रस्ट में काम कर रहे हैं उन्हें पक्का करने की बात हुई थी लेकिन उस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

एसोसिएशन की अध्यक्ष विवेक बंद्राल ने कहा कि कर्मचारियों को परेशान करने के लिए मन चाहे क्षेत्रों में ट्रांसफर किया जा रहा है। ऐसे कर्मचारियों को ट्रांसफर किया जा रहा है। जिनका वेतन दस हजार से भी नीचे है। ट्रांसफर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा। ट्रस्ट की कोशिश है कि पुराने कर्मचारियों को परेशान कर उन्हें सेवाम़ुक्त किया जाए। जिन क्षेत्रों में कर्मचारियों को ट्रांसफर किया जा रहा है। वहां पर उनका वेतन से अपना खर्चा भी संभव नहीं है। ऐसे में परिवार का गुजारा कैसे संभव है।

कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने सभी मुद्दे ट्रस्ट के चेयरमैन ट्रस्टी डा. कर्ण सिंह, काउंसिल सदस्यों, सलाहकार समिति के समक्ष रखे हैं लेकिन उन्हें कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। कर्मचारियों ने ट्रस्ट के मंदिरों की हालत सुधारने पर भी बल दिया। उनका कहना था कि मंदिरों का समय-समय पर जिर्णोद्धार जरूरी होता है लेकिन ट्रस्ट प्रबंधन यह बात समझने को तैयार नहीं है।

इस मौके पर विभिन्न मंदिरों के पुजारी, कर्मचारी मौजूद थे। जिन में सुनीत शर्मा, सुभाष चंद्र, संजीव शर्मा आदि शामिल थे। सभी ने कहा कि धर्मार्थ ट्रस्ट का कोई भी कर्मचारी अपने आप को अकेला न समझे। सभी कर्मचारी एक हैं। यह बात धर्मार्थ ट्रस्ट प्रबंधन को भी समझनी चाहिए। कर्मचारियों के साथ किसी तरह का अत्याचार सहन नहीं किया जाएगा।

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