Jammu : कालेज खुलने से पहले ही अध्यापकों का आंदोलन शुरू, काम छोड़ हड़ताल पर जाने की चेतावनी

जेएंडके कालेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान डा. राकेश जसरोटिया का कहना है कि लगातार हड़ताल करने और विरोध जताने के बावजूद उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। लेकिन कालेज टीचर्स फिर भी बच्चों को पढ़ारहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 11:29 AM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 12:29 PM (IST)
Jammu : कालेज खुलने से पहले ही अध्यापकों का आंदोलन शुरू, काम छोड़ हड़ताल पर जाने की चेतावनी
अब हम सभी विरोध स्परूप कालेज रिबन पहन कर काम कर रहे हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर में डिग्री कालेज खुलने से पहले अध्यापक ने अपनी मांगों को लेकर उच्च शिक्षा विभाग पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। कालेजों के अध्यापक काले रिब्बन लगाकर आ रहे है।

कालेज टीचर्स एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर चार सितंबर तक मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। कालेजों के अध्यापकों की मांग है कि उच्च शिक्षा वाले अध्यापकों के लिए एडवांस इंक्रीमेंट को बहाल किया जाए। नियमित तौर पर विभागीय पदोन्नति की बैठक आयोजित की जाएं, यूजीसी नियम 2018 लागू किए जाएं।

पीएचडी करने के लिए स्टडी लीव का प्रावधान किया जाए। एसोसिएशन के प्रधान डा. राकेश जसरोटिया का कहना है कि हमने 19 और 20 अगस्त को काम छोड़ हड़ताल की थी। उसके बाद 23 अगस्त से काले रिब्बन बांध कर कालेज आ रहे थे। हमने काम इसलिए नहीं रोका क्योंकि अंडर ग्रेजुएट की दाखिला प्रक्रिया इस समय चल रही है।

हमने फैसला किया है कि विरोध स्वरूप कालेजों के अध्यापक काले रिब्बन बांध कर ही काम करेंगे मगर अफसोस की बात है कि अभी तक उच्च शिक्षा विभाग ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि अध्यापकों को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि ये मांगे हमने पहली बार रखी हैं। कई बार हम अपनी दिक्कतों के बारे में अवगत करा चुके हैं परंतु कोई सुनवाई नहीं होती। अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो हम काम छोड़ हड़ताल पर चले जाएंगे।

बताते चले कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि सौ फीसद वैक्सीनेशन होने पर इसी महीने कालेज खोल दिए जाएंगे। इस समय कालेजों में दाखिला प्रक्रिया चल रही है। क्लस्टर विश्वविद्यालय और जम्मू विश्वविद्यालय अंडर ग्रेजुएट के पहले सेमेस्टर में दाखिले कर रहा है।

ऐसा लगता है कि कालेजों के अध्यापकों ने उच्च शिक्षा पर दबाव इसलिए बनाया है क्योंकि कालेज खुल रहे हैं। अध्यापकों की मांगे काफी पुरानी है जिनका समाधान नहीं हो रहा है।

chat bot
आपका साथी