UPSC Result 2020 : सामने पाकिस्तानी गोलों के धमाके ...यहां फौलादी हुए इरादे; 22 वर्षीय सुचित्र ने हासिल किया 146वां रैंक
UPSC Result 2020 सुचित्र ने कहा कि 27 सितंबर 2020 को उनका ग्रेजुएशन का अंतिम पेपर था और मात्र छह दिन बाद चार अक्टूबर को प्रीलिम्स परीक्षा थी। तैयारी के लिए बहुत कम दिन थे लेकिन उन्हें विश्वास था कि वह सफल होंगे। परीक्षा अच्छी हुई।
जम्मू, रोहित जंडियाल : भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से मात्र नौ किलोमीटर दूर बसा गांव स्लैड। पाकिस्तानी रेंजर्स जब ताबड़तोड़ मोर्टार के गोले दागते थे तो धमाकों की आवाज से हर कोई कांप उठता था। अग्रिम इलाकों में बसे कई गांवों से सीमावर्ती लोग पलायन कर स्लैड गांव में आ जाते थे। बचपन से यही सब देखा, लेकिन हालात और तनाव को कभी हावी नहीं होने दिया। ...और मात्र 22 वर्ष की आयु में जम्मू जिले की बिश्नाह तहसील के सीमावर्ती स्लैड गांव के छोटे कद के सुचित्र शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा 2020 में 146वां रैंक हासिल कर साबित कर दिया कि असंभव कुछ भी नहीं।
शिक्षक माता-पिता मदन लाल और रितु शर्मा के पुत्र सुचित्र का बचपन से ही सपना था कि वह बड़े होकर प्रशासनिक अधिकारी बनेंगे। माता-पिता ने भी इसमें उनका पूरा साथ दिया। गांव में पढ़ाई की कोई खास सुविधा नहीं थी। उन्होंने सूचित्र का दाखिला जम्मू के आर्मी पब्लिक स्कूल रतनुचक में करवाया।
उन्होंने 11वीं में सांइस विषय में पढ़ाई शुरू की और 12वीं पास करने के बाद उन्होंने जीजीएम सांइस कालेज जम्मू में दाखिला ले लिया। लेकिन इसके लिए उन्हें घर से 30 किलोमीटर दूर जाना और फिर उतना ही वापस आना पड़ता था। हर दिन 60 किलोमीटर का सफर करने से शरीर टूट जाता था, लेकिन थकान को उन्होंने अपने सपनों पर हावी नहीं होने दिया। साथ ही उन्होंने जम्मू के एक निजी कालेज से आइएएस का बेसिक कोर्स करना भी शुरू कर दिया। कालेज से घर आकर वह खूब पढ़ाई करते थे।
तैयारी करने को काफी कम समय मिला : सुचित्र ने कहा कि 27 सितंबर 2020 को उनका ग्रेजुएशन का अंतिम पेपर था और मात्र छह दिन बाद चार अक्टूबर को प्रीलिम्स परीक्षा थी। तैयारी के लिए बहुत कम दिन थे, लेकिन उन्हें विश्वास था कि वह सफल होंगे। परीक्षा अच्छी हुई। जियालोजी आप्शनल विषय रखा था। मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू भी ठीक हुआ। उन्हें उम्मीद थी कि उनका रैंक 70 से कम होगा। आज जब परिणाम आया तो रैंक 146 था। अभी वे इससे संतुष्ट नहीं हैं और अपने रैंक में सुधार के लिए फिर से प्रयास करना चाहते हैं।
तनाव दूर करने के लिए करता हूं माता-पिता के साथ बातें : सुचित्र ने कहा कि हमारा पड़ोसी पाकिस्तान सीमा पर हमेशा से नापाक हरकतें करता रहता है, बावजूद इसके उन्होंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित रखा। तनाव न हो, इसके लिए वह अपने माता-पिता के पास बैठकर बातें करते थे। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के अलावा मामा को दिया। सूचित्र ने कहा कि उनका प्रयास गरीबों के उनके हक दिलाने के लिए काम करना होगा। सुचित्र को पंजाबी गाने सुनना और बाइक पर घूमना पसंद है। उनका कहना है कि खाली समय में वह यही करते हैं।
गांव में जश्न का माहौल : सुचित्र की सफलता से केवल उनके घर पर ही नहीं, पूरे गांव में जश्न का माहौल है। हो भी क्यों न, पहली बार उनके सीमावर्ती गांव से किसी ने यह मुकाम हासिल किया है। पिता मदन लाल, मां रितु शर्मा और छोटी बहन अवनी शर्मा भी काफी खुश है। उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा है।