Jammu Kashmir Weather: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के तापमान में सुधार, रविवार को हो सकती है बारिश

पिछले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तापमान में सुधार हुआ है। डा. महेंद्र सिंह अनुसार बारिश बर्फबारी का एक छोटा सा स्पेल बनता दिख रहा है । किसानों को यह चिंता सता रही है कि अगर जल्द बारिश न हुई तो उनकी फसलों का क्या होगा ।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 12:27 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 12:27 PM (IST)
Jammu Kashmir Weather: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के तापमान में सुधार, रविवार को हो सकती है बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र, श्रीनगर से मिली जानकारी अनुसार कश्मीर में वीरवार को आंशिक बादल छाए रहेंगे।

जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढोतरी जारी है।मौसम विज्ञान केंद्र, श्रीनगर से मिली जानकारी अनुसार रविवार को बारिश और कुछ उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार बनने लगे हैं।

पिछले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तापमान में सुधार हुआ है। मौसम विशेषज्ञ डा. महेंद्र सिंह अनुसार बारिश, बर्फबारी का एक छोटा सा स्पेल बनता दिख रहा है ।

श्रीनगर में दिन का न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री सेल्सियस, पहलगाम 2.1 और गुलमर्ग माइनस 1.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बुधवार को इन स्थानों पर अधिकतम तापमान क्रमश: 18.2, 15.4 और 8.4 डिग्री सेल्सियस रहा था । लेह शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.9, कारगिल में शून्य से 6.6 और द्रास में 6.9 डिग्री सेल्सियस रहा ।

जम्मू संभाग में बनिहाल की रात सबसे ठंडी रही। यहां न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 21.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जम्मू का अधिकतम तापमान 27.1, न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बटोत का अधिकतम तापमान 21.0 जबकि न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कटड़ा का अधिकतम तापमान 25.0, न्यूनतम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भद्रवाह का अधिकतम तापमान 21.4, न्यनूतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम विज्ञान केंद्र, श्रीनगर से मिली जानकारी अनुसार कश्मीर में वीरवार को आंशिक बादल छाए रहेंगे। जम्मू में 6 मार्च को आंशिक बादल रहेंगे। वहीं आठ मार्च को जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर बारिश, बर्फबारी हो सकती है। किसानों को बारिश का बेसब्री से इंतजार है ।खासकर कंडी क्षेत्र के किसानों को यह चिंता सता रही है कि अगर जल्द बारिश न हुई तो उनकी फसलों का क्या होगा । 

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