Jammu Kashmir: कश्मीर में सुरक्षा स्थिति सुधरी पर सीमा पार PoK में आतंकी गतिविधियां बढ़ी

अधिकारियों ने कश्मीर में कोविड-19 से पैदा हालात से निपटने में विभिन्न संगठनों की भूमिका पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए उससे निपटने की तैयारियों का भी जायजा लिया।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:16 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 01:14 PM (IST)
Jammu Kashmir: कश्मीर में सुरक्षा स्थिति सुधरी पर सीमा पार PoK में आतंकी गतिविधियां बढ़ी
हिंसा के चक्र को तोडऩे के लिए नागरिक समाज के साथ निरंतर सहयोग की कार्ययोजना को भी तय किया गया।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : प्रदेश में बीते छह माह के दौरान सुरक्षा परिदृश्य में सुधार हुआ है। आतंकियों समेत लगभग 400 ओवरग्राउंड वर्कर पकड़े गए हैं। आतंकी हिंसा में कमी आई है, लेकिन बीते दो माह के दौरान नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में चलने वाले लांचिंग पैड पर आतंकी गतिविधियां तेज हुई हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और आतंकी सरगना नशीले पदार्थों के साथ हथियार कश्मीर में पहुंचाने की साजिश कर रहे हैं। आइईडी धमाकों की साजिश रची जा रही है, इसलिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को आपस में पूरा समन्वय और सहयोग बनाए रखते हुए पूरी तरह सतर्क रहने की जरूरत है। यह लब्बोलुआब रहा, कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए गठित कोर सुरक्षा समूह की बैठक का।

बैठक में खुफिया तंत्र व सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह मजबूत बनाने और खुफिया सूचनाओं के आधार पर सुनियोजित आतंकरोधी अभियान चलाने की रणनीति को भी अंतिम रूप दिया गया। इस दौरान पाकिस्तान व अलगाववादियों के दुष्प्रचार का मुकाबला करने और कश्मीर में दीर्घकालिक शांति के लिए हिंसा के चक्र को तोडऩे के लिए नागरिक समाज के साथ निरंतर सहयोग व समन्वय की कार्ययोजना को भी तय किया गया।

चिनार कोर मुख्यालय में हुई इस बैठक की अध्यक्षता चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय और जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने संयुक्त रूप से की। इसमें सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ, पुलिस, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा मंडलायुक्त कश्मीर ने भी भाग लिया।

अधिकारियों ने एलओसी, एलओसी के पास और कश्मीर घाटी के भीतर के हालात व संबधित खुफिया जानकारियों पर चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि जंगबंदी के दोबारा बहाल होने से एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति में सुधार आया है। घुसपैठ की कोशिशें भी कम हुई हैं, लेकिन पाकिस्तान में आतंकवादी लांचिंग पैड और आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों में लगातार बढ़ रही गतिविधियों को देखते हुए पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसके अलावा नशीले पदार्थाें और हथियारों की सीमापार से तस्करी की घटनाएं भी बढ़ रही हैं, इन पर सुरक्षाबलों और खुफिया एजेंसियों का पूरा ध्यान है। इसे रोकने के लिए एलओसी पर घुसपैठ व तस्करी के सभी रास्तों की कड़ी निगरानी की जा रही है।

युवाओं को बरगला रहे आतंकी संगठन: कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए अधिकारियों ने बैठक में बताया कि बीते छह माह के दौरान हालात में काफी सुधार आया है। आतंकी हिंसा में कमी आई है, लेकिन आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती रोकने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वादी के कुछ इलाकों में ही आतंकी संगठन स्थानीय युवाओं को आतंकी बनने के लिए उकसा रहे हैं, इससे निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति भी बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले ओजीडब्ल्यू नेटवर्क को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस ने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर इस साल अब तक 400 ओजीडब्लयू को गिरफ्तार किया है।

हथियारों की तस्करी रोकने के लिए एसओपी अमल में: सूत्रों के अनुसार, बैठक में सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि कुछ खास तरह के वाहनों का इस्तेमाल हथियारों व नशीले पदार्थाें की तस्करी और वाहन आइईडी के लिए किया जाता है। इसे रोकने के लिए एक एसओपी को तैयार कर उसे अमल में लाया जा रहा है। इसके अलावा आतंकी संगठनों द्वारा विभिन्न प्रकार की आइईडी का इस्तेमाल करने की साजिशों का पता चला है और इन्हेंं नाकाम बनाया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर अतिक्रमण को रोका जा रहा है, क्येंकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर भीड़ और अतिक्रमण की आड़ में ही सुरक्षाबलों पर हमलों को आतंकी अंजाम दे सकते हैं।

कोरोना संक्रमण पर भी चर्चा: बैठक के दौरान अधिकारियों ने कश्मीर में कोविड-19 से पैदा हालात से निपटने में विभिन्न संगठनों की भूमिका पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए उससे निपटने की तैयारियों का भी जायजा लिया। 

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